माननीय उच्चतम न्यायालय ने देश में राजनीतिक अपराधीकरण को रोकने के लिए ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए कहा कि अगर सांसदों और विधायकों को दो साल से ज्यादा की सजा हुई तो ऐसे में उनकी सदस्यता रद्द कर दी जायेगी. वे न वोट दे सकेंगे और न ही कोई चुनाव लड़ सकेंगे.
इसका मतलब यह हुआ कि भविष्य में संसद और विधानसभाओं को अपराधियों से मुक्त कराने का यह स्वागत योग्य फैसला है. ऐसे में चुनाव के लिए जो उम्मीदवार खड़े किये जायेंगे, उन्हे पहले अपराध मुक्त छवि के साथ योग्यता की कसौटी पर भी पाक-साफ रहना होगा. भ्रष्ट और प्राय: आपराधिक प्रवृत्ति के नेता से ही समाज और देश में भ्रष्टाचार और हिंसा जैसे अपराधों का बीजारोपण होता है.
सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से कम से कम आपराधिक प्रवृत्ति वाले को राजनीति के गलियारे से दूर रखने में मदद मिलेगी. तब जा कर ही आम जनता के हितों का ख्याल रखा जायेगा और उनके प्रति कर्त्तव्यनिष्ठा का बोध होगा. इस फैसले के यथर्थ की भूमि पर लागू होने के बाद देश की राजनीति एक नयी दिशा लेगी और फलत: देश की छवि ऐसी बनेगी कि हम सबको गर्व होगा.
।। रीतेश कुमार दुबे ।।
(कतरास)