बरसात के मौसम में सब्जियों के दाम अमूमन बढ़ ही जाते हैं. प्याज, आलू, टमाटर की पैदावार ठीक न होने से कभी-कभी भाव चढ़े नजर आते हैं.पिछले साल यूपीए के शासन में प्याज सौ रु पये किलो और टमाटर 60-70 रुपये किलो तक बिका, अब एनडीए सरकार में टमाटर के दाम 70-80 रु पये किलो हो गये हैं. इन दिनों इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में महंगे टमाटर को लेकर एक नेताजी के भाषण को खूब उछाला जा रहा है, लेकिन टमाटर व प्याज ऐसी चीजें तो नहीं हैं, जिनके बगैर आम आदमी का गुजारा नहीं चल सकता.
इसे राजनीतिक रंग देकर इतना बड़ा मुद्दा बनाने के बजाय मीडिया को यह बताना चाहिए कि यदि टमाटर-प्याज के दाम बढ़ गये हैं, तो आम आदमी विकल्पों का इस्तेमाल करे या वह कुछ दिनों तक इनको न खाये. ऐसे समाज में नकारात्मक संदेश जा रहा है.
रानी सिंह, डोरंडा, रांची