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आपदा की स्थिति में देश की ताकत है एनडीआरएफ
एनडीआरएफ आपदा की स्थिति में भरोसे का बल ही नहीं, देश की एक ताकत भी है. बीते कुछ वर्षों में इस बल ने तूफान, बाढ़ के साथ बड़ी दुर्घटनाओं में राहत और बचाव के जो कार्य किये हैं, उससे एक मिसाल कायम हुई है. इस बल ने अब तक साढ़े चार लाख से अधिक लोगों […]
एनडीआरएफ आपदा की स्थिति में भरोसे का बल ही नहीं, देश की एक ताकत भी है. बीते कुछ वर्षों में इस बल ने तूफान, बाढ़ के साथ बड़ी दुर्घटनाओं में राहत और बचाव के जो कार्य किये हैं, उससे एक मिसाल कायम हुई है. इस बल ने अब तक साढ़े चार लाख से अधिक लोगों को बचाने का ही काम नहीं किया है, बल्कि राहत और बचाव संबंधी तंत्र को भी सुदृढ़ किया है.
जो लोग कहते हैं कि देश तरक्की नहीं कर रहा, उन्हें एनडीआरएफ सरीखी संस्थाओं के कामकाज को देखना चाहिए. नि:संदेह इसका आकलन करने में समय लगेगा कि प्रचंड रूप धारण करने वाले फनी तूफान ने कहां कितना नुकसान पहुंचाया, लेकिन यह जानना सुखद है कि लाखों लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की गयी. चूंकि ग्लोबल वार्मिंग के दुष्प्रभाव के चलते मौसम में अप्रत्याशित तब्दीली होते रहने के आसार हैं. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में आवासीय व अन्य बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने पर विशेष ध्यान देना चाहिए.
डाॅ हेमंत कुमार, गोराडीह (भागलपुर)
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