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खेल व रक्षा के क्षेत्र में भी ख्याति पा रहीं महिलाएं
महिलाओं की रोजगार प्रवृत्ति परिवर्तनशील होती है. आज महिलाएं चूल्हा-चौका, घुंघट व कुरीतियों से बाहर निकलकर शिक्षा, स्वास्थ्य, बैंक, राजनीति, सामाजिक, आध्यात्मिक, विज्ञान, फिल्मी, प्रतियोगी परीक्षा, तकनीकी व सुरक्षा के क्षेत्र में रोजगार प्राप्ति के लिए कदम बढ़ा रही हैं. महिलाएं माइक्रो फाइनेंस के तहत अब व्यापार में भी प्रमुख भूमिका निभा रही हैं. इंदिरा […]
महिलाओं की रोजगार प्रवृत्ति परिवर्तनशील होती है. आज महिलाएं चूल्हा-चौका, घुंघट व कुरीतियों से बाहर निकलकर शिक्षा, स्वास्थ्य, बैंक, राजनीति, सामाजिक, आध्यात्मिक, विज्ञान, फिल्मी, प्रतियोगी परीक्षा, तकनीकी व सुरक्षा के क्षेत्र में रोजगार प्राप्ति के लिए कदम बढ़ा रही हैं. महिलाएं माइक्रो फाइनेंस के तहत अब व्यापार में भी प्रमुख भूमिका निभा रही हैं.
इंदिरा नुई, अरुंधती भट्टाचार्या जैसी महिलाओं ने अपनी मेहनत और लगन से रोजगार के क्षेत्र में बदलाव की प्रवृत्ति को बढ़ावा दिया और प्रेरित किया. महिलाएं अब खेलों और रक्षा के क्षेत्र में भी देश का नाम विश्व पटल पर स्थापित कर रही हैं तथा परिवार, समाज और देश-विदेश में अच्छे सामंजस्य का उदाहरण पेश कर रही हैं. लेकिन, दुख की बात है कि आज भी हमारे समाज की अधिकतर महिलाओं को घर के अंदर गृहिणी बन कर रहना पड़ता है.
हरिओम हंसराज, बसौता, (सारण)
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