किसान अपने श्रम से संसार का पेट भरते हैं. वे अधिक पढ़े-लिखे नहीं होते परंतु उन्हें खेती की बारीकियों का ज्ञान होता है. वे मौसम के बदलते मिजाज को पहचान कर तदनुसार नीति निर्धारित करने में दक्ष होते हैं. उन्हें कृषि कार्य में विभिन्न प्रकार की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है.
सबसे बड़ी समस्या है कृषि में आने वाली लागत, जो दिनों-दिन बढ़ती ही जा रही है. फसल कटाई से लेकर मंडियों में पहुंचाने तक काफी खर्चा आता है. इतना सब कुछ करने के बाद यदि मंडी में फसल की उचित कीमत न मिले, तो वे निराश और हताश हो जाते हैं. उन्हें कर्ज लेकर अगली फसल बोने की तैयारी करनी पड़ती है.
किसानों ने निर्णय लिया था कि गांधी जयंती के शुभ अवसर पर अपनी मांगों को रखेंगे. परंतु किसानों को रोकने के लिए सरकार ने पुलिस से लाठी चार्ज कराया. इससे बचा जाना चाहिए था. सरकार के लिए किसान की बातों को अच्छी तरह से समझना तथा उनकी मांगों पर विचार करना जरूरी हो गया है.
दिवाकर कुमार, धनबाद