कभी दुमका शहर में बड़े-बड़े अक्षरों में ग्रीन दुमका, क्लीन दुमका का स्लोगन पढ़ा जाता था. आज उसी शहर के सड़क विस्तारीकरण को लेकर जिला प्रशासन द्वारा सड़क किनारे लगे वृक्षों को अंधाधुंध कटवाना पर्यावरण के लिए बड़ा नुकसानदेह है.
पर्यावरण संतुलन के लिए पूरे विश्व में नाना प्रकार के जागरूकता अभियान चलाये जा रहे हैं. पर्यावरण की रक्षा का महत्व बताया जा रहा है. पर्यावरण रक्षा के लिए लोग अपनी घरों की छतों पर भी पेड़-पौधे को आकार देने लगे हैं, जो जागरूकता का ही परिणाम है. दुमका जिला प्रशासन को कोलकाता जैसे मेट्रो शहर का अनुकरण करना चाहिए, ताकि सड़क निर्माण और विस्तारीकरण भी हो और पेड़-पौधे भी न कटें.
नवल किशोर सिंह, दुमका