बीते दिनों राजद सुप्रीमो ने एक जनसभा में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को रिफ्यूजी कहा. इस तरह के बयान देने का चुनावी राजनीति में कोई मतलब नहीं होता. राजद सुप्रीमो को यह मालूम होना चाहिए कि यह दुनिया ही एक मुसाफिरखाना है और सबको एक न एक दिन जाना है.
यही नहीं, लालू प्रसाद यादव को उस कबीर-वाणी पर भी ध्यान देना चाहिए, जिसमें कहा गया है कि ‘एक देश से आये सब, उतरे एक ही घाट, हवा लगी संसार की, हो गये बारा-बाट.’ इस दृष्टि से हम सभी रिफ्यूजी ही तो हुए. मगर दुर्भाग्य यह है कि सत्ता के नशे में अधिकांश नेता अपनी पहचान भुला देते हैं. वे भूल जाते हैं कि जिसकी पगड़ी उछाली जा रही है, वह भी हमारे जैसा इनसान ही है इसलिए आलोचना असहमति के मुद्दों के आधार पर हो, न कि व्यक्तिगत टीका-टिप्पणी के रूप में.
रामेश्वर झा, झुमरीतिलैया