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तृणमूल सरकार में बंगाल पर 4 लाख करोड़ का कर्ज: बिष्ट

भाजपा सिलीगुड़ी सांगठनिक शिक्षक सेल के कार्यक्रम में दार्जिलिंग के सांसद ने राज्य सरकार पर साधा निशाना कहा, ममता सरकार हर मोर्चे पर विफल सिलीगुड़ी : असम में एनआरसी से लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. केन्द्र सरकार चार महीने के अंदर एनआरसी को लेकर असम में हो रही समस्या का समाधान करेगी. दार्जिलिंग […]

भाजपा सिलीगुड़ी सांगठनिक शिक्षक सेल के कार्यक्रम में दार्जिलिंग के सांसद ने राज्य सरकार पर साधा निशाना

कहा, ममता सरकार हर मोर्चे पर विफल
सिलीगुड़ी : असम में एनआरसी से लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. केन्द्र सरकार चार महीने के अंदर एनआरसी को लेकर असम में हो रही समस्या का समाधान करेगी. दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट ने गुरुवार को शिक्षक दिवस के मौके पर पंचायत भवन में भाजपा सिलीगुड़ी सांगठनिक शिक्षक सेल के कार्यक्रम में ये बातें कही.
पत्रकारों से बात करते हुए राजू बिष्ट ने राज्य सरकार पर भी जमकर तंज कसा. उन्होंने कहा कि विनय तमांग ममता बनर्जी की चापलूसी कर पहाड़ पर अपना शासन कर रहे हैं, लेकिन पहाड़ के लोग विनय तमांग व ममता बनर्जी को अब गंभीरता से नहीं लेते हैं.
उन्होंने राज्य की ममता सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बंगाल में तृणमूल सरकार के कारण गोरखा सुरक्षित नहीं हैं. उन्होंने कहा कि चाय बगान तथा वन बस्ती में रहने वाले लोगों को सरकार अभी तक जमीन का मालिकाना हक नहीं दे पायी है. तृणमूल सरकार हर मोर्चे पर पूरी तरह फेल हो गयी है. इस सरकार ने बंगाल में कानून व्यवस्था और शिक्षा की धज्जियां उड़ा दी है. उन्होंने कहा कि बंगाल आज सिर से लेकर पांव तक कर्ज में डूब गया है.
उन्होंने बताया कि माकपा के 34 वर्ष के शासनकाल में बंगाल पर 1 लाख 90 हजार करोड़ का कर्ज था, लेकिन ममता सरकार के 8 वर्षों के कार्यकाल में बंगाल पर 4 लाख करोड़ का कर्ज हो गया है. ममता बनर्जी द्वारा एनआरसी का विरोध करने के सवाल पर राजू बिष्ट ने कहा कि ममता बनर्जी रोहिंग्या मुसलमान व बंग्लादेशी शरणार्थियों लिए एनआरसी का विरोध कर रही है. असम में एनआरसी को लेकर सांसद ने बताया कि असम समझौते पर हस्ताक्षर के बाद एनआरसी को लागू किया गया है. इससे पहले 2010 में यूपीए की सरकार में असम के दो जगहों पर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसे लागू किया गया था. उस वक्त सरकार की योजना फेल हो गई थी. इस दौरान कई जगहों पर हिंसा भी हुई थी.
जिसके बाद वर्ष 2015 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इसे लागू किया गया. उन्होंने कहा कि बहुत से लोगों के नाम एनआरसी से बाहर है, जिसमें काफी संख्या में गोरखा भी शामिल है. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को 4 महीने का समय दिया है. उन्होंने कहा कि चार महीने के अंदर सभी लोगों के नाम लिस्ट में जुड़ जायेंगे. उन्होंने कहा कि बंगाल में भी एनआरसी लागू होना चाहिए. केंद्र सरकार का उद्देश्य घुसपैठियों को देश से बाहर करना है.
विनय तमांग की आलोचना करते हुए सांसद ने कहा कि पहाड़ पर उन्हें कोई तवज्जो नहीं देता. विनय तमांग शांत असम को अशांत करना चाहते हैं. सांसद ने विनय तमांग पर गैरकानूनी तरीके से जीटीए में बैठे रहने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि एक गोरखा होने के बाद भी उन्होंने पहाड़ के गोरखाओं पर अत्याचार किया है. सांसद ने दावा करते हुए कहा कि अगर बंगाल में एनआरसी लागू होता है तो पहाड़ के गोरखा व अन्य संप्रदाय के लोग ज्यादा सुरक्षित होंगे.

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