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जंगली जानवरों के भय से स्कूल नहीं जा पा रहे बच्चे

दो माह छुट्टी मिलने के बाद जाने के लिए नहीं मिल रही गाड़ीजंगली जानवरों के भय से स्कूल नहीं जा पा रहे बच्चे नागराकाटा : विद्यालय में छुट्टी होने के कारण चाय बागान से विद्यार्थियों को मिलनेवाली गाड़ी बंद हो गयी है. इसलिए दूर से आनेवाले विद्यार्थी मध्याह्न भोजन खाने के लिए विद्यालय नहीं जा […]

दो माह छुट्टी मिलने के बाद जाने के लिए नहीं मिल रही गाड़ी
जंगली जानवरों के भय से स्कूल नहीं जा पा रहे बच्चे

नागराकाटा : विद्यालय में छुट्टी होने के कारण चाय बागान से विद्यार्थियों को मिलनेवाली गाड़ी बंद हो गयी है. इसलिए दूर से आनेवाले विद्यार्थी मध्याह्न भोजन खाने के लिए विद्यालय नहीं जा पा रहे हैं. हालांकि विद्यालय के निकट रहने वाले विद्यार्थी मध्यान्न भोजन ग्रहण करने के लिए उपस्थित हो रहे हैं. ऐसे विद्यार्थी भी जिसका स्कूल में नाम नहीं वे सभी विद्यालय में आकर माध्यान्न भोजन ग्रहण कर रहे हैं.
सरकारी विद्यालयों को दो महीने गर्मी की लंबी छट्टी से डुआर्स के चाय बागानों में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है. यह घटना नागराकाटा ब्लॉक स्थित बामनाडांगा चाय बागान की है. विद्यालय की ओर से अन्य विद्यार्थी के साथ ही सभी बच्चों को मध्यान्न भोजन उपलब्ध करा रहे हैं. शिक्षकों ने बताया इस कारण से उन्हे विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
सरकार के निर्देशानुसार बंद एवं बीमार चाय बागानों में छुट्टी होने के बावजूद बच्चों को मध्यान्न भोजन दिया जाता है. जलपाईगुड़ी जिले के पांच ब्लॉकों के 47 विद्यालयों को मध्यान्न भोजन दिया जाता है. बीमार पड़े चाय बागानों के तालिका में बामनडांगा चाय बागान का भी नाम होने से विद्यालय के विद्यार्थियों को छुट्टी के दिन मध्यान्न भोजन दिया जाता.
प्राथमिक विद्यालय से चौथी कक्षा उर्तीण होने के बाद वहां के छात्र-छात्रा टंडु चाय बागान जूनियर हाई स्कूल में अध्यन करने के लिए जाते हैं. दो सौ से अधिक विद्यार्थी बामनडांगा से टंडु अध्यन करने के लिए जाते है. बामनडांगा से टंडु आने के लिए विद्यार्थियों को आठ किलोमीटर की दूरी तय करना पड़ता है. जंगली जानवरों के भय से विद्यार्थी पैदल या साईकल से स्कूल जाने का जोखिम नहीं लेते है.
बामनडांगा चाय बागान प्राथमिक विद्यालय के भार प्राप्त शिक्षक राजू साह ने बताया कि हमारे विद्यालय के विद्यार्थी मध्यान्न भोजन ग्रहण करने के लिए आ रहे है. टंडु टीजी जूनियर हाईस्कूल के विद्यार्थी भी मध्याह्न वितरण करते समय यहां आते हैं. विद्यालय खाता में उनका नाम नहीं है, लेकिन सभी हमारे बच्चे जैसे है.
हम मानवता के हिसाब से किसी को भी बंचित नहीं रख रहे है. स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार टंडु टीजी जूनियर हाईस्कूल में बामनाडांगा से सबसे अधिक छात्र-छात्राए जाते हैं. अरमान मानकी मुंडा, अजाद भोक्ता, अमित साहु जैसे विद्यार्थियों का कहना है कि स्कूल का गाड़ी नहीं है. इसलिए माध्यान्न भोजन खाने के लिए यहां आते है.

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