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रिंग रोड : पांच फेज छह लेन व दो फेज फोर लेन का होगा
एनएचएआइ रांची-टाटा फोर लेन योजना में शामिल कर करा रहा काम रांची : रांची रिंग रोड के सात में से पांच चरण का काम पूरा हो गया है. इसे छह लेन का बनाया गया है. यानी इसकी चौड़ाई दोनों तरफ व बीच के डिवाइडर को मिला कर करीब 23.5 मीटर है. इसका निर्माण रामपुर से […]
एनएचएआइ रांची-टाटा फोर लेन योजना में शामिल कर करा रहा काम
रांची : रांची रिंग रोड के सात में से पांच चरण का काम पूरा हो गया है. इसे छह लेन का बनाया गया है. यानी इसकी चौड़ाई दोनों तरफ व बीच के डिवाइडर को मिला कर करीब 23.5 मीटर है.
इसका निर्माण रामपुर से तुपुदाना, नयासराय (एनएच 23), कांठीटांड़ (एनएच 75) से कांके रोड होते हुए करमा (विकास) तक कराया गया है. पांच चरणों को तो छह लेन का बना दिया गया है, लेकिन शेष दो चरण यानी करमा (विकास) से टाटीसिलवे होते हुए रामपुर तक इसे फोर लेन बनाया जायेगा. इसकी चौड़ाई करीब 16.5 मीटर होगी.
क्यों हुआ ऐसा : रिंग रोड को पूरी तरह छह लेन करने की योजना थी, लेकिन राशि के अभाव में सरकार ने एनएचएआइ से आग्रह किया था कि वह रांची-टाटा रोड फोर लेन योजना के तहत रिंग रोड फेज वन व टू (करमा से रामपुर) को शामिल कर ले.
एनएचएआइ ने इसे शामिल कर लिया. इसका काम भी दे दिया गया, पर पहली बार इसका काम नहीं हुआ. दोबारा इस हिस्से का टेंडर निकाल कर इसका काम आवंटित किया गया. ऐसे में सिक्स लेन की जगह एनएचएआइ की परियोजना के तहत इसे फोर लेन का बनाया जा रहा है.
पथ विभाग ने सड़क वापस लेने की जतायी थी इच्छा : पहली बार एनएचएआइ द्वारा सड़क नहीं बनाने पर पथ निर्माण विभाग ने सड़क को वापस लेने का प्रयास किया.
विभाग द्वारा रिंग रोड के सात चरणों में से पांच चरणों का काम करा लिया गया. इसके बाद विभाग ने इन दो चरणों का काम कराने की भी इच्छा जतायी थी. पथ विभाग इसे सिक्स लेन का बनाना चाह रहा था, लेकिन तब तक एनएचएआइ ने सारी प्रक्रिया पूरी कर ली थी. इस वजह से पथ विभाग को वापस सड़क नहीं मिली और यह फोर लेन बनने जा रही है.
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