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पहाड़ी हवाओं से बढ़ी ठंड, रांची का 4.6 और कांके का पारा शून्य पर

रांची : ठंड से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त है. पहाड़ी हवाओं से बढ़ी ठंड में धूप भी राहत नहीं दे रही है. तीन से चार किलोमीटर के रफ्तार से चल रही बर्फीली हवा हड्डियों तक पहुंच जा रही है. शाम ढलने के बाद न्यूनतम तापमान लगातार गिर रहा है. पिछले एक सप्ताह से राजधानी का न्यूनतम […]

रांची : ठंड से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त है. पहाड़ी हवाओं से बढ़ी ठंड में धूप भी राहत नहीं दे रही है. तीन से चार किलोमीटर के रफ्तार से चल रही बर्फीली हवा हड्डियों तक पहुंच जा रही है. शाम ढलने के बाद न्यूनतम तापमान लगातार गिर रहा है. पिछले एक सप्ताह से राजधानी का न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेसि के आसपास ही रहा है.

रविवार को मौसम विभाग ने शहरी इलाकों का न्यूनतम तापमान 4.6 डिग्री सेसि रिकार्ड किया. वहीं कांके स्थित बीएयू के मौसम तापमापी यंत्र ने परिसर के आसपास का तापमान शून्य डिग्री सेसि रिकार्ड किया. कांके में शून्य डिग्री के आसपास तापमान होने के कारण देर रात में गिरनेवाली ओस की बूंदें सुबह होते-होते बर्फ का रूप ले ले रही हैं. माैसम विभाग के मुताबिक इस मौसम में तापमान में गिरावट सामान्य बात है. इसका कारण देश के उत्तर-पश्चिम में हो रही बर्फबारी है. इस समय उत्तर-पश्चिम से लेकर उत्तर एवं मध्य पूरब का इलाका शीतलहरी के चपेट में है. सात डिग्री तक नीचे है तापमान : राज्य के करीब-करीब सभी जिलों का तापमान सामान्य से नीचे चल रहा है. मौसम विभाग के अनुसार रांची के शहरी क्षेत्रों का तापमान सामान्य से 4.3 डिग्री सेसि नीचे रिकार्ड किया गया है.वहीं बोकारो का तापमान सामान्य से सात डिग्री सेसि नीचे है. चाईबासा, डालटनगंज की स्थिति भी ऐसी ही है.

कांके में 10 दिनों से पारा चार से शून्य के बीच : गांव और गांवों के खेतों में न्यूनतम तापमान पिछले 10 दिनों से लगातार चार डिग्री या इससे नीचे ही रह रहा है.
बीएयू के अनुसार कांके के 19 दिसंबर से अबतक न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेसि से नीचे रहा है. बीएयू के कृषि भौतिकी विभाग के अध्यक्ष डॉ ए बदूद के अनुसार ऐसी स्थिति खेतों में लगे गेहूं, आलू, सरसों, चना और सब्जियों के लिए घातक हो सकती है. नाजुक अवस्था वाली फसलों को पाला से नुकसान हो सकता है. वहीं आलू में झुलसा रोग और सरसों में लाही कीट लगने की प्रबल आशंका है.
खेतों के आस-पास और बीच में धुआं करें
फसलों को पाला से बचाने के लिए शाम के समय खेतों के आस-पास और बीच में घास-फूस जला कर धुआं करना चाहिए. संभव हो तो हल्की सिंचाई कर सकते हैं. आलू को झुलसा रोग से बचने के लिए सैफ या रेडोमिल (1.5 मिलीलीटर प्रतिलीटर पानी) का छिड़काव कर सकते हैं. सरसों या अन्य फसलों को लाही से बचाने के लिए मोनोक्रोटोफॉस दवा का छिड़काव (1.5 मिलीलीटर प्रतिलीटर पानी) कर सकते हैं.
मैक्लुस्कीगंज में पारा शून्य पर
मैक्लुस्कीगंज और आसपास के क्षेेत्रों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. कनकनी से आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है. बाहर खड़े वाहनों व खेत खलिहानों में रखे पुआल पर कुछ समय के लिए ओस की बूंदें जम जा रही हैं. यहां रविवार को एक बार पुन: तापमान में गिरावट दिखी. यहां के एंग्लो इंडियन समुदाय के बॉबी गॉडेन ने रविवार को सुबह पांच बजे अपने तापमान मापक यंत्र में पारा शून्य पर दर्ज किया

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