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साहेबगंज में पीएम मोदी का एलान गंगा के सहारे लायेंगे आर्थिक क्रांति

साहेबगंज : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को साहेबगंज में बहुप्रतिक्षित गंगा पुल व मल्टी मॉडल टर्मिनल सहित करीब 4,000 करोड़ की परियोजनाओं का शुभारंभ किया. उन्होंने गंगा के सहारे देश में आर्थिक क्रांति लाने का वादा किया. साहेबगंज के पुलिस लाइन मैदान में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचते ही जोहार कह उन्होंने अपना भाषण शुरू […]

साहेबगंज : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को साहेबगंज में बहुप्रतिक्षित गंगा पुल व मल्टी मॉडल टर्मिनल सहित करीब 4,000 करोड़ की परियोजनाओं का शुभारंभ किया. उन्होंने गंगा के सहारे देश में आर्थिक क्रांति लाने का वादा किया. साहेबगंज के पुलिस लाइन मैदान में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचते ही जोहार कह उन्होंने अपना भाषण शुरू किया. मल्टी मॉडल टर्मिनल की अहमियत बताते हुए कहा : नदी को मां कहते हैं. मां गंगा 21 वीं सदी के विश्व में बड़ी ताकत दे सकती है.

झारखंड को पूरी दुनिया से जोड़ सकती है. समुद्री तट के शहर पूरी दुनिया से अपने आप जुड़ जाते हैं. प्रोजेक्ट जब पूरा होगा, तब साहेबगंज का यह बंदरगाह समुद्र के रास्ते दुनिया से जुड़ जायेगा. उन्होंने कहा : अटल बिहारी बाजपेयी के कार्यकाल में पूरे भारत को जोड़ने के लिए स्वर्णिम चतुर्भुज योजना की शुरुआत हुई थी. हमारी सरकार ने नदियों से ट्रांसपोर्टेशन को जोड़ा. हाइवे, एयरवे, रेलवे और अब आपके सामने एक नया विकल्प वाटरवे होगा. जैसे शरीर के अंदर धमनियां होती हैं, वैसे ही ये सड़कें आज काम कर रही हैं.

रोजगार के साथ होगा स्किल डेवलपमेंट
उन्होंने कहा : आप कल्पना कर सकते हैं कि इस प्रोजेक्ट से इलाके के कितने नौजवानों को रोजगार मिलेगा. अपने ही जनपद में जो शाम को घर लौटना चाहते हैं, अब जा सकेंगे. रोजगार के साथ-साथ स्किल डेवलपमेंट भी होगा. जब दो साल लगातार कोई किसी काम में लगता है, तो किसी इंजीनियर से ज्यादा हुनर उसके हाथों में आ जाता है. अगर झारखंड – बिहार में कोई नया काम आता है, तो यहां के युवाओं को ही लगाया जायेगा. मैं यहां के नौजवानों को शुभकामनाएं देना चाहता हूं कि आपके आंगन में अवसर आया है. मेहनत भी करनी है और क्षमता भी बढ़ानी है.
सड़क से बदल गयी संताल की सूरत
प्रधानमंत्री ने साहेबगंज-गोविंदपुर रोड का लोकार्पण भी किया, कहा : पहले गोविंदपुर जाने में 10 से 15 घंटे लगते थे. पर अब चार-पांच घंटे में आप गोविंदपुर पहुंच सकते हैं. यह सड़क नागरिक के जीवन के विकास में रास्ता खोल रही है. ये उन सड़कों में नहीं है, जो सिर्फ जाने-आने के काम में आये. इस सड़क से पूरे संताल इलाके की सूरत बदल गयी है.
हर आदमी एक कदम आगे बढ़ाये
अपने 70 मिनट के भाषण में प्रधानमंत्री ने नये भारत बनाने के लिए देश के हर आदमी को एक कदम आगे बढ़ने का संकल्प लेने का आह्वान किया. कहा : देश का हर आदमी एक कदम आगे बढ़ता है, तो 2022 तक देश सवा सौ करोड़ कदम आगे बढ़ जायेगा. साहेबगंज में डेयरी प्लांट की स्थापना से यहां के किसानों को फायदा होगा. आदिम जनजाति के प्रत्येक परिवार को हर महीने 600 रुपये देने की योजना बनायी गयी है. डकिया योजना के तहत हर आदिम जनजाति के घर तक सीधे 35 किलो अनाज पहुंचाने का योजना शुरू की गयी है.
सोलर एनर्जी को बढ़ावा
प्रधानमंत्री ने कहा : भारत सोलर एनर्जी की ओर तेजी से बढ़ रहा है. पहले सोलर एनर्जी से बिजली की कीमत 10 रुपये प्रति यूनिट थी. अब यह 2.96 रुपये तक पहुंच गयी है. एक बार निवेश के बाद इसमें बगैर लागत बिजली उत्पादन किया जा सकता है. कई परिवार तो बिजली कनेक्शन भी नहीं लेते हैं. अब हम सोलर पंप लगा रहे हैं. किसानों की सिंचाई की परेशानी दूर होगी.
इन योजनाओं का किया शुभारंभ
साहेबगंज में गंगा पुल और मल्टी मॉडल टर्मिनल हब का शिलान्यास
– साहेबगंज और मनिहारी के बीच बनेगा 21.9 किलोमीटर का ब्रिज व एप्रोच रोड, 2266 करोड़ होगा खर्च
– मल्टी मॉडल टर्मिनल बनेगा. वाराणसी-साहेबगंज-हल्दिया जलमार्ग सेवा शुरू होगी
गोविंदपुर-जामताड़ा-दुमका-साहेबगंज पथ का उदघाटन
– 311 किलोमीटर की इस सड़क पर 1368 करोड़ खर्च हुए हैं. यह सड़क एनएच-2 व एनच-80 के सघन कॉरिडोर को जोड़ेगी
दो ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर पावर प्लांट
– साहेबगंज व्यवहार न्यायालय में 1.04 करोड़ की लागत से 90 किलोवाट का और सदर अस्पताल में 96.60 लाख की लागत से 70 किलोवाट के सोलर पावर प्लांट का शिलान्यास
साहेबगंज में डेयरी की स्थापना
50 हजार लीटर क्षमतावाले डेयरी प्लांट की स्थापना होगी, 34 करोड़ की लागत आयेगी
एक लाख सखी मंडली को स्मार्ट फोन
– प्रतीक के तौर पर पांच महिलाओं को प्रधानमंत्री ने अपने हाथों से सौंपे स्मार्ट फोन
आदिम जनजाति बटालियन को नियुक्ति पत्र
– राज्य में पहली बार दो आदिम जनजाति बटालियन का गठन किया गया है. असुर, बिरहोर, पहाड़िया समेत विभिन्न आदिम जनजाति के लोग बटालियन में शामिल हैं. प्रधानमंत्री ने अपने हाथों से पांच लोगों को नियुक्ति पत्र सौंपा
संताली से भाषण की शुरुआत
प्रधानमंत्री ने जोहार कह अपना संबोधन शुरू किया. उन्होंने कहा : बिरसा मुंडा, तिलका मांझी, सिदो-कान्हू, चांद-भैरव, नीलांबर-पीतांबर नकुआंम दिसोम लगि अलाय अकान दिलगरिये कुआ नोआ जायगारे सेते रेकाना मोनो रे अदि रसकेन बुझोईदा (भगवान बिरसा मुंडा, तिलका मांझी, सिदो कान्हू, चांद-भैरव, नीलांबर पीतांबर को नमन किया)
रघुवर दास की तारीफ की
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री रघुवर दास की सराहना की. पहाड़िया युवा व युवतियों की नियुक्ति पर रघुवर दास को बधाई दी. कहा : मैं रघुवर दास को मौलिक चिंतन के लिए बधाई देता हूं. आदिम जनजाति की महिलाओं का आत्मविश्वास, उनके सैल्युट करने के तरीके को देख कर अभिभूत हूं. अंतिम तबका तक विकास को पहुंचाने के वायदे को पूरा करने का काम रघुवर सरकार ने किया है. संताल में एक साथ इतनी योजनाओं का शिलान्यास शायद पहली बार हो रहा है. पहाड़िया बटालियन के गठन से आदिम जनजाति का उत्थान होगा. उन्होंने कहा : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस इलाके के लिए अच्छा काम किया है. यहां दूध उत्पादन के लिए विकास का मॉडल डेवलप किया. मैं भी गुजरात से हूं, जहां का अमूल दुनिया में मशहूर है. डेयरी इंडस्ट्री में अगर झारखंड को गुजरात की मदद की जरूरत होगी, तो मैं उनसे कहूंगा. झारखंड के किसान डेयरी के साथ शहद का उत्पादन करके भी कमाई कर सकते हैं.

तीन साल में विकसित बन जायेगा संताल : मुख्यमंत्री
साहेबगंज. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा : साहेबगंज-मनिहारी का यह पुल मां गंगा के दो किनारों और बिहार-झारखंड को जोड़ेगा. इससे क्षेत्र की समस्या और अभाव दूर होंगे. रोजगार भी बढ़ेगा. उन्होंने कहा : आज तक संताल परगना में सिर्फ राजनीति हुई है, विकास नहीं. आनेवाले तीन साल में झारखंड की तकदीर बदलना चाहते हैं. तीन साल में संताल परगना विकसित प्रमंडल बन जायेगा.
उद्यमी सखी मंडल का गठन होगा : सीएम ने कहा : झारखंड में सभी संसाधन मौजूद हैं, जरूरत है तो सिर्फ ईमानदार सेवा की. यह सरकार पूरी ईमानदारी के साथ काम कर रही है. यहां की आदिवासी महिलाएं काफी मेहनती हैं.

सरकार ने सखी मंडलों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है. महिलाओं और पंचायतों को कैशलेस की ओर ले जाने के लिए स्मार्ट मोबाइल फोन दिये जा रहे हैं. सरकार 32 हजार गांव में उद्यमी सखी मंडल का गठन करने जा रही है. इसका उद्देश्य विकास कार्यों में महिलाओं को जोड़ना है. इसके अलावा साहेबगंज में श्वेत क्रांति लाने के लिए 43 करोड़ की लागत से 50 हजार लीटर दूध की क्षमता वाला डेयरी प्लांट स्थापित किया जा रहा है.
2018 तक हर घर में बिजली पहुंचायेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा : पहाड़िया युवक, युवती जो उपेक्षित थे, उन्हें सरकार ने पहाड़िया बटालियन से जोड़ा है. इस बटालियन में 679 पुरुष और 252 महिलाएं शामिल हैं, जिन्हें नियुक्ति पत्र मिला है. सरकार आदिम जनजातियों को 600 रुपये प्रतिमाह पेंशन दे रही है. डाकिया योजना के तहत इन परिवारों के घरों पर 35 किलो अनाज पहुंचाने की योजना शुरू हो गयी है. उन्होंने कहा : प्रधानमंत्री का सपना है कि 2019 तक हर घर में बिजली पहुंचे. झारखंड सरकार ने लक्ष्य रखा है कि 2018 तक हर घर में बिजली पहुंचायेंगे. वैकल्पिक ऊर्जा के स्रोत को बढ़ावा देने के लिए सोलर प्लांट लगाया जा रहा है. सरकार जनसहयोग से विकास करना चाहती है. लेकिन संताल परगना में बिचौलिया हावी है. इन बिचौलियों को अब झटका लग रहा है. झारखंड की 4450 पंचायत को इंटरनेट से जोड़ने का काम चल रहा है. 18 हजार करोड़ आदिवासी विकास पर खर्च करने की योजना है. धन्यवाद ज्ञापन विधायक अनंत ओझा ने दिया.

साहिबगंज में पीएम : आप एक कदम बढ़ें, देश सवा सौ करोड़ कदम बढ़ेगा
गंगापुल व अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह के शिलान्यास के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से अपील की कि भारत के विकास के लिए सबको एक कदम बढ़ना होगा. कहा आप एक कदम बढ़ेंगे तो ‘हम’ सवा सौ करोड़ कदम बढ़ेंगे. 2022 में नये भारत का सपना को लेकर अभी से तैयार हो जायें. उन्होंने हर्ष व्यक्त किया कि विकास की मुख्य धारा से पहाड़िया समुदाय जुड़ रहे हैं. मंच से ही उन्होंने इस बाबत रघुवर सरकार की पीठ थपथपाई. कहा हिन्दुस्तान का गरीब व आदिवासी भी सम्मान की जिंदगी जीना चाहता है. जरूरत है इन्हें मौका देने की. कहा वह दिन दूर नहीं जब साहिबगंज से सीधा बंगाल की खाड़ी तक जहाज चलेगी. उन्होंने कहा कि अब तक जीया है देश के लिए जब तक सांस रहेगी देश के लिए ही जीऊंगा.

आदिवासी होने के कारण मेरी उपेक्षा : विजय
साहिबगंज . इधर, राजमहल सांसद विजय हांसदा ने कहा कि प्रधानमंत्री के मंच से मुझे बोलने का मौका नहीं दिया गया, जबकि मैं यहां का स्थानीय सांसद हूं. सरकार ने आदिवासी सांसद होने के कारण मेरी उपेक्षा की, जबकि स्थानीय विधायक को धन्यवाद ज्ञापन का अवसर दिया गया. सांसद हांसदा ने कहा कि आज गंगापुल का शिलान्यास होने से उनके पिता को आत्मा की शांति मिली होगी. जब उनके पिता स्व थॉमस हांसदा सांसद/ विधायक थे. इस पुल के निर्माण के लिए आवाज उठायी थी. अभी भी सरकार ने अधूरा काम का शिलान्यास किया है. सड़क के साथ-साथ रेलवे का पुल बनता, तो लोगों को और फायदा होता.
नहीं आये हेमंत सोरेन : झामुमो नेता व प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में नहीं आये.
बड़ी सौगात दी है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने, विदेशों से जुड़ जायेगा साहिबगंज
प्रधानमंत्री ने 22.885 किमी लंबे गंगा पुल व अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह का शिलान्यास कर दिया है. अब वह दिन दूर नहीं जब साहिबगंज शहर विदेशों से सीधे जुड़ जायेगा. झारखंड के आिर्थक विकास की गाथा साहिबगंज से गढ़ी जायेगी. लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे. साहिबगंज से बिहार के मनिहारी तक बननेवाला यह गंगा पुल कई मायने में महत्वपूर्ण है. 22 मीटर चौड़े पीलर के सहारे यह टिकेगा. इस पीलर के लिए सरकार ने 60 मीटर चौड़ी जमीन का अधिग्रहण किया है. कोलकाता की निवेदिता पुल की तर्ज पर इसे बनाया जायेगा. लोहे की रस्सी के सहारे लटकता यह पुल दिखेगा. बता दें कि 1954 में देश के विख्यात इंजीनियर डॉ विश्वेश्वरैया ने इस पुल के लिए सर्वेक्षण किया था.
1954 में डॉ विश्वेश्वरैया ने किया था सर्वेक्षण
बात वर्ष 1954 की है. उस समय देश के प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू थे. पंडित नेहरू ने पूर्वोत्तर इलाके में गंगा पुल निर्माण के लिए सर्वेक्षण का कार्य देश सुविख्यात अभियंता डॉ विश्वेश्वरैया को सौंपा. विश्वेश्वरैया ने पुल को साहिबगंज से मनिहारी तक बनवाने की रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी. लेकिन उनकी रिपोर्ट राजनीति की शिकार हो गयी. सरकार ने साहिबगंज को नजरअंदाज कर वर्ष 1971 में पश्चिम बंगाल के फरक्का पर गंगा पुल का निर्माण करा दिया. अटल बिहारी वाजपेयी जब देश के प्रधानमंत्री बने तभी से इस पर पुल निर्माण की बात छिड़ी. उनका मानना था कि यदि यह पुल बन जाता है, तो बिहार, बंगाल व झारखंड का इलाका कई देशों से जुड़ जायेगा. आर्थिक विकास का बड़ा द्वार खुल जायेगा.
एशियन हाइवे से जुड़ कर जा सकते हैं म्यांमार व इंडोनेशिया
यह गंगापुल बन जाने के बाद सड़क मार्ग से सीधे म्यांमार व इंडोनेशिया जाया जा सकता है. गोविंदपुर साहिबगंज हाइवे एनएच 31 इस पुल से जुड़ जायेगा. यह सड़क सिलीगुड़ी के एशियन हाइवे से जुड़ जायेगा, जो म्यांमार व इंडोनेशिया तक सीधे जाता है. साहिबगंज के समदा घाट पर विशाल बंदरगाह बनेगा, जो व्यापार के मामले में झारखंड को विदेशों से जोड़ेगा.

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