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भवन का निर्माण अधर में, जर्जर कमरे में पढ़ रहे बच्चे
मोकामा : प्राथमिक विद्यालय झुग्गी-झोंपड़ी मुरारपुर, दरियापुर, मोकामा का भवन निर्माण अधर में है. बच्चे सामुदायिक भवन के एक जर्जर कमरे व बरामदे में पढ़ते हैं. बरसात के दिनों में पानी टपकता है. बच्चों के बीच हादसे की आशंका बनी रहती है. यह परेशानी काफी दिनों से है. अधिकारियों का रवैया उदासीन है. शुक्रवार की […]
मोकामा : प्राथमिक विद्यालय झुग्गी-झोंपड़ी मुरारपुर, दरियापुर, मोकामा का भवन निर्माण अधर में है. बच्चे सामुदायिक भवन के एक जर्जर कमरे व बरामदे में पढ़ते हैं. बरसात के दिनों में पानी टपकता है.
बच्चों के बीच हादसे की आशंका बनी रहती है. यह परेशानी काफी दिनों से है. अधिकारियों का रवैया उदासीन है. शुक्रवार की सुबह साढ़े दस बजे प्रभात खबर की टीम इस विद्यालय की शैक्षणिक व्यवस्था जानने पहुंची.
विद्यायल से प्रभारी शिक्षिका नीरू कुमारी गायब थीं, जबकि शिक्षक पप्पू कुमार व गगन कुमार बच्चों को पढ़ा रहे थे. बच्चों की उपस्थिति 50 के करीब थी. शिक्षा सेवक रामरतन चौधरी विद्यालय में मौजूद थे. एक अन्य शिक्षा सेवक इंदु कुमारी किसी जरूरी काम से बाहर गयी थीं.
विद्यालय में शिक्षक तो हर रोज आते हैं, लेकिन मिड डे मील कभी बनता है व कभी बंद रहता है.
रागिनी कुमारी, वर्ग एक
बरामदे पर मिड डे मील बनाये जाने पर धुएं से दम घुटता है. भोजन भी अच्छा नहीं बनता है.
पीयूष कुमार, वर्ग चार
विद्यालय में शौचालय नहीं है. इससे छात्रओं को परेशानी होती है. पानी का भी व्यवस्था नहीं है.
मुस्कान कुमारी, वर्ग पांच
एक-दो िदन बच्चों में नहीं बंटता िमड डे मील
शिक्षकों ने जानकारी दी कि 116 नामांकित बच्चों में 70 से 80 बच्चों की उपिस्थति रहती है. मिड डे मील नहीं बनने के सवाल पर शिक्षकों का कहना था कि प्रभारी स्कूल नहीं आयी हैं. बच्चों ने बताया कि मिड डे मील सप्ताह में एक-दो दिन बंद ही रहता है. मीडिया को देखकर कई स्थानीय लोग भी मौके पर पहुंच गये.
उन्होंने जानकारी दी कि वर्ष 2009 -10 में ही विद्यालय का दो मंजिला भवन निर्माण शुरू हुआ था, लेकिन छत की ढलाई के बाद काम ठप पड़ा गया. वहीं, कई वर्ष बीत जाने के बाद भी निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है. इधर, बच्चे जीर्ण- शीर्ण सामुदायिक भवन में जान जोखिम में डालकर पढ़ रहे हैं.
यहां जगह के अभाव में पेयजल, शौचालय व किचेन शेड का निर्माण भी नहीं हो सका है. बरामदे पर मिड डे मील बनाने पर धुआं कमरे में भर जाता है. इससे बच्चों व शिक्षकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अर्धनिर्मित भवन की जांच करने कई अधिकारी पहुंचे, लेकिन कार्रवाई नहीं हो सकी.
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