27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पटना PMCH बना कैदियों के भागने के लिए कंफर्ट जोन, जानें कैसे

पटना : पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल कैदियों के भागने का कंफर्ट जोन बन गया है. इलाज के दौरान कब कोई कैदी भाग जाये, यह कहना मुश्किल है. पिछले छह महीने के अंदर पांच कैदियों ने भाग कर यह साबित कर दिया है कि यहां इलाज के दौरान किसी भी वक्त कोई कैदी भाग सकता है. […]

पटना : पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल कैदियों के भागने का कंफर्ट जोन बन गया है. इलाज के दौरान कब कोई कैदी भाग जाये, यह कहना मुश्किल है. पिछले छह महीने के अंदर पांच कैदियों ने भाग कर यह साबित कर दिया है कि यहां इलाज के दौरान किसी भी वक्त कोई कैदी भाग सकता है. हालांकि इलाज कराने आये कैदियों के साथ पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं, पर उनकी प्राथमिकता उनकी सुरक्षा से ज्यादा कुछ और होती है. पुलिस की मौजूदगी में हथकड़ी सरका कर कैदियों का भाग जाना साफ तौर पर उनकी लापरवाही को बयां करता है.

छह महीने में पांच कैदी फरार : पीएमसीएच के कैदी वार्ड व रिकाॅर्ड रूम से मिले आंकड़ों पर गौर करें, तो पिछले छह महीने यानी नवंबर 2016 से 17 अप्रैल के बीच पूरे बिहार से कुल 26 कैदी इलाज के लिए आये. इनमें पांच कैदी पुलिस को चकमा देकर फरार हो चुके हैं, जबकि करीब एक दर्जन कैदियों का इलाज यहां चल रहा है. इनमें कुछ कैदी इमरजेंसी वार्ड में, तो कुछ हथुआ वार्ड में भरती हैं. बाकी कुछ कैदी वार्ड में बंद हैं. बाकी हल्की-फुल्की बीमारी लेकर आये कैदियों को डिस्चार्ज कर पुन वापस संबंधित जेल में भेज दिया गया है.
डॉक्टरों का जिम्मा है सिर्फ इलाज करना
पीएमसीएच में इलाज कराने आ रहे कैदी पुलिस की कस्टडी में रहते हैं, डॉक्टरों का जिम्मा सिर्फ इलाज करना है. रही बात कैदी वार्ड की, तो वहां का जिम्मा भी पुलिस प्रशासन का ही है. मेंटनेंस से लेकर कैदियों की परेशानी तक सभी रिपोर्ट बना कर पुलिसकर्मी ही अपने विभाग को देते हैं. इसके बाद उनके स्तर पर ही वहां कार्रवाई होती है.
डॉ लखींद्र प्रसाद, अधीक्षक पीएमसीएच
कैदियों के आने की नहीं दी जाती है सूचना
यह सही बात है कि कैदियों की सुरक्षा पीएमसीएच के डॉक्टरों के जिम्मे नहीं है. सुरक्षाकर्मियों की लापरवाही के चलते कैदी भाग रहे हैं. कैदियों के आने की सूचना थाने को नहीं दी जाती. फरार हुए कैदी मिथिलेश सिंह के साथ यही घटना हुई थी. यदि सूचना अगर हमको मिलती है, तो हम लोग सुरक्षा की व्यवस्था और अधिक बढ़ा देते हैं.
कैसर आलम, थानाध्यक्ष, पीर बहोर
कब कौन कैदी हुआ फरार
17 अप्रैल, 2017 : मिथलेश कुमार सिंह, वैशाली से आया था.
6 मार्च, 2017 : कैदी वार्ड की खिड़की तोड़ सोहन राय व राजेंद्र कुमार फरार
3 फरवरी, 2017 : सहरसा से आया एक कैदी राजेंद्र सर्जिकल ब्लॉक से हुआ फरार
5 नवंबर, 2016- मुजफ्फरपुर से आया कैदी कमरे आलम सुरक्षा कर्मियों को चकमा देकर फरार
हाजीपुर/पटना : करताहां थाना की पुलिस की पिटाई से गंभीर रूप से घायल मिथिलेश कुमार पीएमसीएच से इलाज के दौरान फरार कैदी ने मंगलवार को हाजीपुर सीजेएम कोर्ट में समर्पण किया.
न्यायालय ने उसे जेल भेज दिया था. जहां मंडल करा में मिथिलेश की अचानक तबीयत खराब हो गयी. जिसे मंडल कारा द्वारा इलाज के लिये सदर अस्पताल लाया गया. डॉक्टरों ने इलाज के बाद उसे सदर अस्पताल के कैदी वार्ड में भरती किया गया. ज्ञात हो की एक बाइक चोर को छुड़ाने के लिए करताहां थाना पर बीते गुरुवार को प्रदर्शन व हंगामा करने के आरोप में पुलिस ने उसकी जम कर पिटाई करने के बाद गिरफ्तार कर लिया था. बीते शनिवार की रात उसकी हालत खराब देख डॉक्टरों ने उसे पीएमसीएच रेफर कर दिया था.
पिछले कई वर्षों से पीएमसीएच में होनेवाली घटनाओं पर नजर रखनेवाले पुलिस सूत्रों की मानें, तो यहां पर सुरक्षा की बहुत कमी है. कैदी वार्ड की छत पर पेड़ की डाली लटकी हुई है, जिसके सहारे कोई भी आसानी से उतर सकता है. साथ ही मेन गेट पर संतरी सही से ड्यूटी नहीं देते, जिसे जब मन करे, कुछ लालच देकर अंदर अपने कैदी से बात करता है, उसे खाना खिलाता है.
इसके बावजूद कैदी वार्ड का कोई प्रॉपर अरेंजमेंट नहीं है. कैदी वार्ड के 12 बेड के अंदर की हालत भी ठीक नहीं है. बीमार पेशेंट को ठीक होने में महीनों लग जाते हैं. जरूरी है कि इसके अंदर और बाहर दोनों की जांच की जानी चाहिए. अब तक यहां जितने भी कैदी इलाज कराने आते हैं, इसी ताक में रहते हैं कि किस माध्यम से आराम से निकला जाये.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें