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नागमणि ने छोड़ा उपेंद्र कुशवाहा का साथ, लगाया टिकट बेचने का आरोप

पटना : रालोसपा के पूर्व राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नागमणि ने उपेंद्र कुशवाहा का साथ छोड़ दिया है. उन्होंने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देने के साथ ही उपेंद्र कुशवाहा पर कई आरोप भी लगाये हैं. नागमणि ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा समाज की सहानुभूति बटोरना चाहते हैं. दो फरवरी को मार्च के दौरान उन पर […]

पटना : रालोसपा के पूर्व राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नागमणि ने उपेंद्र कुशवाहा का साथ छोड़ दिया है. उन्होंने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देने के साथ ही उपेंद्र कुशवाहा पर कई आरोप भी लगाये हैं. नागमणि ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा समाज की सहानुभूति बटोरना चाहते हैं. दो फरवरी को मार्च के दौरान उन पर कोई लाठीचार्ज नहीं हुआ था. उपेंद्र ने प्लानिंग करा कर घटना को अंजाम दिया. कुशवाहा का कोई वजूद नहीं है.
उन्होंने उन पर पैसे लेकर टिकट बेचने का भी आरोप लगाया. नागमणि ने कहा कि मोतिहारी लोकसभा सीट के लिए माधव आनंद के टिकट का हमने विरोध किया था. इस पर उपेंद्र ने कहा कि माधव आनंद ने दस करोड़ रुपये चुनाव व पार्टी चलाने के लिए व्यवस्था की है. उन्होंने हमेशा उपेंद्र को आगे बढ़ाने का काम किया.
यहां तक कि उन्हें बिहार के सीएम का दावेदार बनाया. लेकिन, उन्होंने मुझे एक मिनट में ही पद से हटा दिया. कुशवाहा की पार्टी में तानाशाही चलती है. उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जगदेव प्रसाद की मूर्ति का अनावरण किया था. इस कार्यक्रम में नागमणि भी शामिल हुए थे. इसके बाद पार्टी विरोधी गतिविधि के आरोप में रालोसपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष पद से इन्हें हटा दिया गया था. साथ ही कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था.
उपेंद्र पर टिकट बेचने का आरोप निराधार : सत्यानंद दांगी
रालोसपा के प्रदेश प्रधान महासचिव सत्यानंद प्रसाद दांगी ने नागमणि द्वारा पार्टी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा पर टिकट बेचने के आरोप को निराधार बताया है. उन्होंने कहा कि अभी न सीटें व लोकसभा क्षेत्र तय हुआ है, ऐसे में वे किस आधार पर इस तरह का आरोप लगा रहे हैं. सच तो यह है कि नागमणि खुद व अपनी पत्नी के लिए टिकट चाह रहे थे.
इसके लिए वे लगातार दबाव बना रहे थे. पार्टी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के मना करने के बाद वे पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल हो गये. दांगी ने कहा कि पार्टी लाइन से हटकर नागमणि कई बार बयान दिये, जिसका खमियाजा पार्टी को भुगतना पड़ा. अपने को बड़े जनाधार वाले नेता कहने वाले नागमणि को पिछले चुनाव में कितने वोट आये थे, इसका खुलासा उन्हें करना चाहिए.

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