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आपातकाल के 44 साल : ….जब नीतीश कुमार की गिरफ्तारी पर था इनाम

नीतीश कुमार इमरजेंसी के दौरान 9/10 जून, 1976 की रात में गिरफ्तार हुये थे. वह भोजपुर जिले के संदेश थाना के दुबौली गांव से गिरफ्तार किये गये थे. उनकी गिरफ्तारी पर 15 पुलिस पदाधिकारियों तथा सिपाहियों को 2750 रुपये का इनाम मिला था. इसमें 20 सिपाही सादे लिबास में थे. भोजपुर के तत्कालीन डीएम के […]

नीतीश कुमार इमरजेंसी के दौरान 9/10 जून, 1976 की रात में गिरफ्तार हुये थे. वह भोजपुर जिले के संदेश थाना के दुबौली गांव से गिरफ्तार किये गये थे. उनकी गिरफ्तारी पर 15 पुलिस पदाधिकारियों तथा सिपाहियों को 2750 रुपये का इनाम मिला था. इसमें 20 सिपाही सादे लिबास में थे. भोजपुर के तत्कालीन डीएम के झा तथा एसपी वाई एन श्रीवास्तव ने अपनी संयुक्त रिपोर्ट (62/75) में उच्चाधिकारियों को पत्र भेजते हुए कहा कि एक गुप्त सूचना मिली है कि पटना और भोजपुर के कुछ आंदोलनकारी दुबौली गांव में एक बैठक करने जा रहे हैं.
रिपोर्ट के अनुसार यह बैठक पटना की नीतीश कुमार द्वारा बुलायी गयी थी, जो दुबौली के महेन्द्र दूबे के मित्र और सहपाठी रहे हैं. दुबौली के महेंद्र दूबे के घर पर ही बैठक हो रही थी. यह बैठक इमरजेंसी लगने के पहले साल यानी 26 जून, 1976 को आगामी आंदोलनात्मक कार्यक्रम और प्रदर्शन की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए बुलायी गयी थी. बैठक शुरू ही हुई थी कि सभी 19 सक्रिय नेता एवं आंदोलनकारी गिरफ्तार कर लिए गये. इनमें से कोई भाग नहीं पाया.
नीतीश कुमार के साथ गिरफ्तार किए जाने वाले भोजपुर जिले के चर्चित और पीरो के गांधी कहे जाने वाले नेता रामएकवाल वरसी भी थे. सभी गिरफ्तार 19 आदोलनकारियों पर सहार थाने में डीआइआर के तहत मामले दर्ज किये गये. इनमें से नीतीश कुमार सहित छह शीर्ष नेताओं को मीसा के तहत नजरबंद कर दिया गया था.
(आरा के डीएम एसपी का पत्रंक 62/75 नं0 236 दिनांक 10 जून, 1976)

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