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बिहार : राज्य के कर्मचारियों को अब 16 फीसदी तक मिलेगा एचआरए
कैबिनेट के फैसले : सातवें वेतनमान के आधार पर भत्तों की नयी दरें मंजूर पटना : राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के बाद अब इस पर आधारित सभी भत्तों का लाभ भी नये सिरे से देने का फैसला किया है. मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में राज्य कैबिनेट की हुई […]
कैबिनेट के फैसले : सातवें वेतनमान के आधार पर भत्तों की नयी दरें मंजूर
पटना : राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के बाद अब इस पर आधारित सभी भत्तों का लाभ भी नये सिरे से देने का फैसला किया है. मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में राज्य कैबिनेट की हुई बैठक में इस पर मुहर लगी. अब वित्त विभाग द्वारा एक-दो दिनों में इसकी अधिसूचना जारी करने करने की संभावना है.
अधिसूचना की तिथि से ही यह सुविधा सभी कर्मचारियों के लिए लागू हो जायेगी. कैबिनेट की बैठक के बाद कैबिनेट विभाग के विशेष सचिव उपेंद्रनाथ पांडेय ने बताया कि कुल 15 प्रस्तावों पर मुहर लगी है .
पटना में रहने वाले कर्मियों को मूल वेतन का 16% आवास भत्ता (एचआरए) मिलेगा. राज्य के सभी शहरों को मुख्य रूप से दो श्रेणियों वाई और जेड में बांटा गया है. पटना को वाई श्रेणी में रखा गया है. वहीं, जेड श्रेणी के शहरों में तैनात कर्मियों को 8% एचआरए मिलेगा.
जबकि, दानापुर, बिहटा जैसे शहरों में रहने वालों को 6% और ग्रामीण बाजार या इलाके या प्रखंड या किसी थाना क्षेत्र जैसे छोटे शहरों में रहने वाले कर्मचारियों को 4% एचआरए मिलेगा. वहीं, नयी दिल्ली समेत अन्य महानगरों में कार्यरत राज्य सरकार के कर्मचारियों को 24% एचआरए मिलेगा. छठे वेतनमान के समय राज्यकर्मियों 20, 10 और पांच फीसदी एचआरए मिलता था. दीपावली के पहले भत्ताें में बढ़ोतरी राज्यकर्मियों के लिए पहली सौगात मानी जा रही है. कैबिनेट की अगली बैठक में महंगाई भत्ते (डीए) में भी वृद्धि पर मुहर लगने की संभावना है.
परिवहन, मेडिकल व अन्य भत्ते भी बढ़े
एचआरए के अलावा राज्यकर्मियों को अन्य भत्तों में भी बढ़ोतरी का लाभ मिलेगा. अब परिवहन भत्ता न्यूनतम 600 रुपये और अधिकतम 1500 रुपये मिलेगा. मेडिकल भत्ता 200 रुपये से बढ़ कर 1000 रुपये मासिक मिलेगा.
पत्रिका भत्ता 3000 रुपये से बढ़ा कर 4500 रुपये सालाना कर दिया गया है. चालकों को ड्राइविंग भत्ता 1000 रुपये मासिक मिलेगा. डाक बांटने वाले कर्मचारियों को साइकिल भत्ता 180 रुपये प्रतिमाह हो गया है. इसी तरह सरकारी नर्स और एएनएम को 1800 रुपये वर्दी भत्ता मिलेगा.
चाल साल पर एलटीसी, सपरिवार घूमने की सुविधा
राज्य कर्मचारियों को पहली बार प्रत्येक चार साल पर एलटीसी का लाभ दिया जा रहा है. इसके तहत केंद्र कर्मचारियों के तर्ज पर इन्हें सपरिवार घूमने की सुविधा मिलेगी. उन्हें पद के हिसाब से विमान से भी घूमने की सुविधा दी गयी है.
इसके अलावा सचिवालय या अन्य सरकारी कार्यालय में देर रात तक रुकने वाले कर्मचारियों को 100 रुपये अल्पाहार और 250 रुपये भोजन भत्ता दिया जायेगा. शोध कार्य में लगे इंजीनियर व डॉक्टर को 2000 रुपये अतिरिक्त भत्ता दिया जायेगा. दूसरे स्टेशन या शहर में प्रतिनियुक्ति पर तैनात होने वाले कर्मचारियों को अधिकतम 4000 रुपये और दूसरे कार्यालय में तैनात कर्मियों को 2000 रुपये मासिक भत्ता दिया जायेगा.
16% मिलेगा आवास भत्ता राजधानी पटना में तैनात सरकारी कर्मियों को मूल वेतन का
8%अररिया, आरा, औरंगाबाद, बेतिया, बिहारशरीफ, डेहरी, गोपालगंज, हाजीपुर, जहानाबाद, मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, समस्तीपुर, सीवान, सुपौल समेत ऐसे अन्य शहर
6% दानापुर, बिहटा जैसे शहरों में रहने वाले कर्मचािरयों को
4% ग्रामीण बाजार या इलाके या प्रखंड या
किसी थाना क्षेत्र जैसे छोटे शहरों में
24%नयी दिल्ली समेत अन्य महानगरों में कार्यरत बिहार सरकार के कर्मचारियों को िमलेगा एचआरए
ये भत्ते खत्म
– सचिवालय में तैनात अपर सचिव, अतिरिक्त से लेकर विशेष सचिव रैंक के अधिकारियों को मिलने वाला विशेष भत्ता समाप्त
– कर्मियों को िमल रहा परिवार नियोजन भत्ता भी समाप्त कर दिया गया है. पहले यह पूरे सेवाकाल में एक बार मिलता था
बालू व गिट्टी की बिक्री अब तय दर पर सरकारी निगम करेगा
पटना : अब राज्य में बालू और पत्थर (गिट्टी) का बिक्री तय दर पर सरकारी निगम करेगा. मंगलवार को नयी लघु खनिज नियमावली को राज्य कैबिनेट की मंजूरी मिल गयी. इसका मकसद पर्यावरण मानकों का कड़ाई से पालन करवाते हुए इन सभी खनिजों के अवैध कारोबार और माफियाओं पर शिकंजा कसना है. साथ ही सरकार का राजस्व बढ़ाना है.
अब इन खनिजों के अवैध कारोबारियों के लिए जेल और जुर्माने का प्रावधान किया गया है. इसके लिए कार्रवाई का अधिकार संबंधित जिले के डीएम को दिया गया है. खान और खनिजों के बेहतर प्रबंधन के लिए बिहार राज्य खनन निगम लिमिटेड की हाल ही में स्थापना की गयी है. इसके संचालन के लिए बतौर प्रारंभिक पूंजी दो हजार लाख रुपये राज्य आकस्मिकता निधि से अग्रिम के तौर पर दिये गये हैं.
बालू घाटों की बंदोबस्ती अब छोटे-छोटे ब्लॉकों में की जायेगी. वहीं, अब ज्यादा घाटों की बंदोबस्ती एक ही व्यक्ति या कंपनी को नहीं मिल सकेगी. नीलामी के लिए नियम बना कर कड़ाई से पालन होगा. इसी साल ई-चालान की व्यवस्था शुरू की गयी है. अब इसका सख्ती से पालन किया जायेगा.
साथ ही बालू की बिक्री के लिए चेन सिस्टम बनाया जा रहा है. अब बंदोबस्तधारी सीधे राज्य सरकार या बिहार राज्य खनिज निगम को बालू की बिक्री करेंगे. इसके बाद राज्य सरकार या बिहार राज्य खनिज निगम उस बालू की बिक्री आम लोगों को उचित दर पर करेगा.
जियो ट्रैकिंग िसस्टम और इलेक्ट्रॉनिक वजन मशीन
खान एवं भू तत्व विभाग के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार कार्यस्थलों पर नजर रखने के लिए जियो ट्रैकिंग सिस्टम का भी इस्तेमाल किया जायेगा. इसके लिए सरकार से अनुमति मिल चुकी है.
सभी बंदोबस्तधारी अपने यहां इलेक्ट्रॉनिक वजन मशीन रखेंगे. इसमें बालू सहित गाड़ी के वजन की जांच होगी. इससे पता चल सकेगा कि गाड़ियों में ओवरलोडिंग है या नहीं. परिवहन के समय गाड़ी में लदे बालू को ढंकना अनिवार्य होगा. केवल जीपीएस लगी गाड़ियां ही बालू की ढुलाई कर सकेंगी.
दो िसंचाई परियोजनाएं मंजूरी
मुंगेर जिले में खड़गपुर झील सिंचाई परियोजना और जमुई जिले में आंजन जलाशय परियोजना को कैिबनेट ने मंजूरी दी. इन दोनों परियोजनाओं पर 126.23 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इन्हें 2019 तक पूरा करने का लक्ष्य है.
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