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रेलवे टेंडर घोटाले में नया मोड़, लालू परिवार के साथ राजद के यह विधायक भी रडार पर

पटना : रेलवे टेंडर घोटाले और होटल आवंटन के साथ बेनामी संपत्ति के मामले में ईडी और सीबीआई की जांच का सामना करने वाले बिहार के सबसे बड़े सियासी परिवार के मुखिया लालू यादव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. जानकारी के मुताबिक अब राजद के एक विधायक अबू दोजाना प्रवर्तन […]

पटना : रेलवे टेंडर घोटाले और होटल आवंटन के साथ बेनामी संपत्ति के मामले में ईडी और सीबीआई की जांच का सामना करने वाले बिहार के सबसे बड़े सियासी परिवार के मुखिया लालू यादव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. जानकारी के मुताबिक अब राजद के एक विधायक अबू दोजाना प्रवर्तन निदेशालय की रडार पर हैं. एजेंसी अब अबू दोजाना के लेन-देन को भी खंगाल रही है. जानकारी के मुताबिक इसका खुलासा ईडी के प्रोविजनल अटैचमेंट आर्डर की कॉपी वाले लेटर से हुआ है. इस लेटर में अबू दोजाना का नाम शामिल किया गया है. यह लेटर एक क्षेत्रीय टीवी चैनल के हाथों लगा है, जिसके माध्यम से यह बात कही जा रही है.

राजद विधायक अबू दोजाना पार्टी से जुड़े हुए हैं, साथी ही वह मेसर्स मैरिडियन कंस्ट्रक्शन, इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के स्वामीभी हैं.अबूकी कंपनी ही बिहार में तेजस्वी और राबड़ी देवी के नाम पर सूबे का सबसे बड़ा मॉलबनानेका काम कर रही थी. विभागीय सूत्रों के मुताबिक बहुत जल्द ईडी अबू दोजाना से भी पूछताछ करेगी. इसी मामले को लेकर अभी हाल में ईडी ने राबड़ी देवी और तेजस्वी के नाम से तीन एकड़ की जमीन को अटैच किया है. बताया जा रहा है कि विभाग अबू दोजाना को भी नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुला सकता है. इस मामले में राबड़ी, तेजस्वी और लालू यादव से विभाग पूछताछ कर सकता है और मामले की जांच अभी चल रही है.

अबू दोजाना और उनकी कंपनी को लेकर बिहार में उस वक्त बड़ी चर्चा शुरू हुई थी, जब तेज प्रताप यादव के वन मंत्री रहते हुए चिड़ियाघर में मॉल की मिट्टी को लाखों रुपये में बेचने का मामला सामने आया था. वह भी बिना किसी टेंडर के. उसके बाद भाजपा ने इस मामले को हाथों-हाथ लपक लिया और आगे चलकर मिट्टी घोटाला का सिरा बेनामी संपत्ति से जुड़ गया. उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने इस मामले को लेकर लगातार प्रेस कांफ्रेस किया और लालू यादव का परिवार बेनामी संपत्ति के मामले में फंसता गया.

गौरतलब हो कि 2006 में रेल मंत्री रहते हुए गैर कानूनी रूप से कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने का यह मामला है. आखिर क्या है यह मामला और कैसे लालू पर इस मामले को लेकर केस दर्ज हुआ. लालू पर यह आरोप है कि जब वह रेल मंत्री थे, तब उन्होंने रेलवे के होटल टेंडर निजी कंपनी को दिये थे. रेल मंत्री के तौर पर निजी कंपनी को फायदा पहुंचाया था. लालू ने जिन्हें लाभ पहुंचाया, उसमें रांची का बीएनआर होटल भी शामिल है, जिसके ऐतिहासिक ढांचे को गिराकर आधुनिक होटल में तब्दील कर दिया गया है. पुरी में बीएनआर होटल बहुत बड़े इलाके में फैला हुआ है. इस होटल का निर्माण अंग्रेजों के शासनकाल में किया गया था. तब इस होटल के कमरे में अंग्रेज भी रहा करते थे. इस होटल में विनय कोचर और विजय कोचर निदेशक हैं, जिनके साथ लालू का कनेक्शन सामने आया है.

सीबीआई के मुताबिक रांची और पुरी में रेल मंत्रालय द्वारा होटल निर्माण के टेंडर आवंटन मामले में गड़बड़ी करने का आरोप है. यह टेंडर निजी सुजाता होटल्स को दिये गये थे. बीएनआर होटल रेलवे के हेरिटेज होटल हैं, जिन्हें आईआरसीटीसी ने अपने कब्जे में लिया है. मामले में सीबीआइ ने लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी यादव, बेटे समेत कई अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया है. लालू, राबड़ी, तेजस्वी, सरला गुप्ता नामजद आरोपी हैं.सरला गुप्ता लालू के करीबी राज्यसभा सांसद प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी हैं. लालू परिवार के अलावा जिन लोगों पर मामला दर्ज किया गया है, वह भी लालू परिवार के बेहद करीबी माने जाते हैं.

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