32.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड : नीतीश बोले, SC के आदेश का अनुपालन होगा

नयी दिल्ली/पटना : सुप्रीमकोर्टद्वारा मुजफ्फरपुरबालिका गृह यौन उत्पीड़न मामला बिहार से नयी दिल्ली की अदालत में स्थानांतरितकियेजाने के आदेश पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नेप्रतिक्रियादेते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश का अनुपालन होगा. उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जानकारी खुद लूंगा और अगर किसी भी प्रकार की कोई बात है तो उसे समझ […]

नयी दिल्ली/पटना : सुप्रीमकोर्टद्वारा मुजफ्फरपुरबालिका गृह यौन उत्पीड़न मामला बिहार से नयी दिल्ली की अदालत में स्थानांतरितकियेजाने के आदेश पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नेप्रतिक्रियादेते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश का अनुपालन होगा. उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जानकारी खुद लूंगा और अगर किसी भी प्रकार की कोई बात है तो उसे समझ कर दूर किया जायेगा. वहीं बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट जो आदेश देगा, उसका पालन करेंगे. इसमें राज्य सरकार को कोई दिक्कत नहीं है. राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करती है.

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने आज मुजफ्फरपुरयौन उत्पीड़नमामला बिहार से नयी दिल्ली की अदालत में स्थानांतरितकरने का आदेश देते हुए कहा कि बहुत हो गया और बच्चों से इस तरह का व्यवहार नहीं किया जा सकता. शीर्ष अदालत ने बिहार में मुजफ्फरपुर के अलावा 16 अन्य आश्रय गृहों के प्रबंधन पर असंतोष व्यक्त करते हुये राज्य सरकार को आड़े हाथ लिया और उसे चेतावनी दी कि उसके सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर राज्य के मुख्य सचिव को बुलाया जायेगा.

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने मुजफ्फरपुर आश्रय गृह यौन उत्पीड़न कांड के मुकदमे की प्रगति पर चिंता व्यक्त की और कहा कि इसे यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण कानून के तहत मुकदमों की सुनवाई करने वाली दिल्ली की साकेत जिला अस्पताल में स्थानांतरित किया जा रहा है. पीठ ने बिहार सरकार को निर्देश दिया कि इस मामले का सारा रिकार्ड दो सप्ताह के भीतर दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित करने के लिये हर तरह की सहायता उपलब्ध कराये.

पीठ ने यौन उत्पीड़न के इस मुकदमे की सुनवाई छह महीने के भीतर पूरा करने का भी आदेश दिया. इससे पहले, शीर्ष अदालत ने मुजफ्फरपुर यौन उत्पीड़न कांड की जांच सीबीआई को स्थानांतरित करने के अलावा उसे बिहार में 16 आश्रय गृहों में रहने वाले बच्चों के शारीरिक और यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच का भी आदेश दिया था. इस मामले में बृहस्पतिवार को सुनवाई शुरू होते ही पीठ ने बिहार में आश्रय गृहों की संख्या, उनके प्रबंधन और इनके संचालन में सरकार की भूमिका के बारे में अनेक सवाल किये. राज्य सरकार के वकील के जवाबों से असंतुष्ट पीठ ने कहा, ‘‘ हम आपको हलफनामा दाखिल करने के लिये नहीं कहेंगे. हलफनामे का मतलब दो सप्ताह का समय होगा. एक-एक करके सवाल का जवाब दीजिये.

पीठ ने कहा, ‘‘हम आपसे (वकील) कुछ सवाल पूछ रहे हैं. यदि आप इनके जवाब देने की स्थिति में हों तो उत्तर दीजिये, अन्यथा हम आपके मुख्य सचिव या मामले के तथ्य से परिचित अधिकारी को बुलायेंगे. अपराह्न तीन बजे तक आपके मुख्य सचिव यहां होंगे. वैसे भी पटना का संपर्क अच्छा है.’ पीठ ने तल्ख शब्दों में बिहार सरकार से कहा, ‘‘बहुत हो गया. बच्चों के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं किया जा सकता. आप अपने अधिकारियों को बच्चों से इस तरह का व्यवहार करने की इजाजत नहीं दे सकते. बच्चों को तो बख्शो.’

पीठ को जब यह जानकारी दी गयी कि यौन उत्पीड़न के इस मामले की जांच कर रहे सीबीआई के अधिकारी का तबादला कर दिया गया है तो उसने इस घटनाक्रम पर आक्रोष व्यक्त किया. शीर्ष अदालत ने मुजफ्फरपुर आश्रय गृह यौन उत्पीड़न कांड की जांच कर रहे सीबीआई के अधिकारी का तबादला किये जाने पर जांच ब्यूरो को भी आड़े हाथ लिया. पीठ ने जांच ब्यूरो को इस संबंध में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देते हुये कहा, ‘‘यह तबादला हमारे आदेश का उल्लंघन है.’ इसके साथ ही पीठ ने इस मामले को अपराह्न दो बजे के लिये सूचीबद्ध कर दिया और बिहार सरकार के वकील को राज्य में आश्रय गृहों से संबंधित सारे तथ्यों और आंकड़ों के साथ तैयार रहने का निर्देश दिया.

शीर्ष अदालत ने मुजफ्फपुर आश्रय गृह यौन उत्पीड़न कांड की जांच बिहार पुलिस से लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंप दी थी. यही नहीं, न्यायालय ने ऐसा नहीं करने का बिहार सरकार का अनुरोध ठुकरा दिया था. टाटा इंस्टीट्यूट आॅफ सोशल साइंसेज की रिपोर्ट के बारे में शीर्ष अदालत ने कहा था कि इसमें बिहार के करीब 17 आश्रय गृहों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की गयी है और इसलिए सीबीआई को इन सभी की जांच करनी चाहिए. इस रिपोर्ट के आधार पर मुजफ्फरपुर आश्रय गृह यौन उत्पीड़न मामले में पुलिस ने 31 मई, 2018 को 11 व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. इस मामले में अब तक 17 आरोपी गिरफ्तार किये जा चुके हैं.

ये भी पढ़ें… बिहार आश्रय गृह मामला : जांच अधिकारी के तबादले पर CBI को SC की फटकार, अंतरिम निदेशक तलब

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें