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बिहार कैबिनेट का फैसला : बिजली दरों में मिली सब्सिडी, किसानों को नहीं देने होंगे अतिरिक्त पैसे

पटना : बिहार सरकार ने बिजली की बढ़ी हुई टैरिफ दरों में बड़ी राहत दी है. मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में बिजली की दर में उपभोक्ताओं को सब्सिडी देने निर्णय लिया गया. बैठक के बाद मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि इस वर्ष बिजली […]

पटना : बिहार सरकार ने बिजली की बढ़ी हुई टैरिफ दरों में बड़ी राहत दी है. मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में बिजली की दर में उपभोक्ताओं को सब्सिडी देने निर्णय लिया गया. बैठक के बाद मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि इस वर्ष बिजली दर में सब्सिडी के कारण राज्य सरकार के खजाने पर चार हजार 137 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. पिछले वर्ष दो हजार 952 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गयी थी. उन्होंने कहा कि अब भी बिहार की बिजली दर सभी पड़ोसी राज्यों यूपी और पश्चिम बंगाल से काफी कम है.

मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने बताया, सब्सिडी के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में कुटीर ज्योति योजना के तहत बिजली की दर प्रति यूनिट 2.45 रुपये पड़ेगी, जबकि पश्चिम बंगाल में यह 3.44 रुपये और यूपी में 3.39 रुपये प्रति यूनिट है. इसी शहरी और ग्रामीण क्षेत्र की बिजली दरें भी पड़ोसी राज्यों से कम हैं. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू उपयोग और कृषि व सिंचाई के लिए बिजली दर में कोई बढ़ोतरी नहीं की गयी है. इस पर वर्तमान दर से ही बिजली बिल का भुगतान करना होगा. शहरी क्षेत्रों की बिजली दर में महज 10 पैसे प्रति यूनिट की ही बढ़ोतरी की गयी है. अब यह 5.30 रुपये प्रति यूनिट से बढ़कर 5.40 रुपये हो गयी है.

बरौनी, कांटी व नवीनगर बिजलीघर अब एनटीपीसी के जिम्मे

मुख्य सचिव ने कहा कि दूसरे अहम निर्णय में राज्य सरकार ने बरौनी, कांटी और नवीनगर बिजलीघरों को एनटीपीसी को ट्रांसफर कर दिया गया है. इन यूनिटों से राज्य को अपने स्तर पर बिजली उत्पादन काफी महंगा पड़ रहा था. बरौनी थर्मल पॉवर स्टेशन से अभी बिजली उत्पादन में प्रति यूनिट 5.75 रुपये का खर्च आ रहा है, जबकि बाढ़ एनटीपीसी से बिजली खरीदने पर यह खर्च 4.25 पैसे प्रति यूनिट ही पड़ेगा. इस वजह से सभी बिजली उत्पादन इकाइयों को एनटीपीसी को ही स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया है.

इससे सरकार को 875 करोड़ रुपये सालाना की बचत होने का अनुमान है. वर्ष 2017-18 के लिए बिजली उपलब्धता करीब 27 हजार 178 मिलियन यूनिट है, जबकि 2018-19 के लिए बिजली उपलब्धता का लक्ष्य 29 हजार 403 मिलियन यूनिट निर्धारित किया गया है, जो पिछले वर्ष से 8% अधिक है. कैबिनेट ने अप्रैल 2018 से मार्च 2019 तक की अवधि के लिए 344.75 करोड़ रुपये प्रत्येक महीने की दर से कुल चार हजार 137 करोड़ रुपये एनटीपीसी को भुगतान करने की स्वीकृति भी दे दी है.

सब्सिडी के बाद बिजली दर :-
कुटीर उद्योग- 2.45
घरेलू (ग्रामीण)- 3.17
घरेलू (शहरी)- 5.40
गैर-घरेलू (ग्रामीण)- 4.00
गैर-घरेलू (शहरी)- 8.25
कृषि एवं सिंचाई-1 – 1.50
कृषि एवं सिंचाई-2 – 7.75
औद्योगिक सेवा-1 – 8.35
(19 केवी तक) औद्योगिक सेवा-2 – 8.32
(19 केवी से ज्यादा और 74 केवी से कम) औद्योगिक सेवा-1 – 8.67
(11 केवी) औद्योगिक सेवा-2 – 8.60
(33 केवी) औद्योगिक सेवा-3 – 8.01
(132 केवी) (सभी आंकड़े रुपये प्रति यूनिट में)

इन पर लगी मुहर

– जमुई में महिला डिग्री कॉलेज खोलने की मंजूरी
– गृह विभाग में एक और प्रशाखा खोलने की मंजूरी
– 349 जूनियर इंजीनियरों को एक साल का सेवा विस्‍तार
– उर्दू अनुवादक संवर्ग नियमावली 2016 को मंजूरी
– उर्दू अनुवादकों के 1765 पदों के सृजन को मंजूरी
– भारतीय रिजर्व बैंक से सीधे एनटीपीसी को होगा भुगतान
– बिहार अवर वन सेवा नियमावली 2018 को मिली मंजूरी

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