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चुनावी प्रक्रिया में नक्सली दखल
छतीसगढ़ में शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव कराने के लिए, खास कर वहां के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में, भारी पैमाने पर सुरक्षा बल तैनात किये गये हैं. फिर भी दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने बारूदी सुरंग विस्फोट कर एक मिनी बस को उड़ा दिया, जिसमें सुरक्षाकर्मी सहित पांच लोग मारे गये. करीब हफ्ता भर पहले भी बारूदी […]
छतीसगढ़ में शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव कराने के लिए, खास कर वहां के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में, भारी पैमाने पर सुरक्षा बल तैनात किये गये हैं. फिर भी दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने बारूदी सुरंग विस्फोट कर एक मिनी बस को उड़ा दिया, जिसमें सुरक्षाकर्मी सहित पांच लोग मारे गये.
करीब हफ्ता भर पहले भी बारूदी सुरंग से विस्फोट कर सीआरपीएफ के एक वाहन को उड़ा दिया गया था. लंबे समय से दावा किया जाता रहा है कि छत्तीसगढ़ में तकनीकी मदद से नक्सलियों पर नजर रखी जायेगी, पर ऐसा कुछ देखने या सुनने को नहीं मिला.
नोटबंदी के बाद गृह मंत्री ने दावा भी किया था कि नोटबंदी से नक्सलियों और आतंकवादियों की कमर टूट गयी है, पर इन हमलों से यही साबित होता है कि सुरक्षा बल की तैयारी जैसी होनी चाहिए, वैसी नहीं है. सच तो यह है कि नक्सली आंदोलन पर काबू पाने के लिए स्थानीय लोगों का विश्वास जीतना जरूरी है. सरकार को ऐसी ही कोशिश करनी चाहिए.
अभिजीत मेहरा, गोड्डा
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