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कारगर कदम उठाना जरूरी
विश्व स्वास्थ्य संगठन की वायु प्रदूषण की रिपोर्ट पहले ही दुनिया की सर्वश्रेष्ठ दूषित देशों में भारत को शामिल कर चुकी है. ऐसे में, अपने देश को अतिरिक्त संवेदनशीलता दिखानी ही होगी, वरना यह विकासशील देश अपना संतुलन खो देगा. जलवायु परिवर्तन जैसा बड़ा मुद्दा जहां एक तरफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहसों में कलाबाजियां खाता […]
विश्व स्वास्थ्य संगठन की वायु प्रदूषण की रिपोर्ट पहले ही दुनिया की सर्वश्रेष्ठ दूषित देशों में भारत को शामिल कर चुकी है. ऐसे में, अपने देश को अतिरिक्त संवेदनशीलता दिखानी ही होगी, वरना यह विकासशील देश अपना संतुलन खो देगा. जलवायु परिवर्तन जैसा बड़ा मुद्दा जहां एक तरफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहसों में कलाबाजियां खाता रहता है, वहीं दूसरी तरफ स्थानीय स्तर पर देश भी इसे आत्मसात नहीं करते.
नयी दिल्ली का प्रदूषण बहस करने से नहीं निपटने वाला और न ही कोलकाता के औसतन तापमान को क्योटो प्रोटोकॉल से नियंत्रित किया जा सकेगा. अपने को अगर बचाना हो, तो सबसे सुरक्षित जगह अपना ही घर ही होता है. इसलिए दुनिया की बहस में उलझने से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि अपने देश में इस दिशा में कारगार कदम उठाये जाएं.
डा हेमंत कुमार, भागलपुर
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