27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

शहर को अब भी एक अदद पार्क की जरूरत

मेदिनीनगर : बात वर्ष 2008-09 की है. जब यह परिकल्पना की गयी थी कि चियांकी पहाड़ को एक नया स्वरूप दिया जायेगा. पार्क का निर्माण होगा. ताकि मेदिनीनगरवासियों की वर्षों पुरानी मांग पूरी हो. इंटीग्रेडेट एक्शन प्लान के तहत काम भी शुरु हुआ. लेकिन यह काम पूरा नहीं हुआ. जिस योजना के तहत यह योजना […]

मेदिनीनगर : बात वर्ष 2008-09 की है. जब यह परिकल्पना की गयी थी कि चियांकी पहाड़ को एक नया स्वरूप दिया जायेगा. पार्क का निर्माण होगा. ताकि मेदिनीनगरवासियों की वर्षों पुरानी मांग पूरी हो. इंटीग्रेडेट एक्शन प्लान के तहत काम भी शुरु हुआ. लेकिन यह काम पूरा नहीं हुआ. जिस योजना के तहत यह योजना शुरू की गयी, वह योजना ही बंद हो गयी और बाद में यह मामला पर्यटन विभाग के पास चला गया. लेकिन विभाग ने भी इस प्रस्ताव पर कोई दिलचस्पी नहीं ली.

मामला ठंडे बस्ते में चला गया. यह स्थिति तब है, जब शासन का फोकस पर्यटन के विकास को लेकर है. पर्यटन विकास की संभावना के बाद भी इस दिशा में काम नहीं होना कई सवाल खड़े करता है. मेदिनीनगर नगरपालिका से नगर पर्षद होते हुए निगम तक पहुंच चुका है. लेकिन एक शहर के हिसाब से जो सुविधा मुख्यालय के लोगों को मिलना चाहिए था, उसका अभाव ही दिखता है.

आज भी यह लोग कहते हैं कि आखिर मेदिनीनगर में रहने वाले लोग अपनी छुट्टी कैसे काटे, घुमने की इच्छा भी होती है तो कोई ऐसी जगह नहीं, पार्क नहीं जहां बैठ कर कुछ पल गुजारा जा सके पर यह विषय कभी भी राजनीति के लिए महत्वपूर्ण नहीं रहा और ना ही इसे प्राथमिकता के तौर पर इसे लिया गया. विकास का मतलब सिर्फ नाली, गली और सड़क तक ही सीमित कर दिया गया. यही कारण है कि आज की जरूरत के हिसाब से मेदिनीनगर में बहुत कुछ नहीं है. एक अदद पार्क नहीं है. ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि इस परिस्थिति में आखिर कैसे बदलेगी मेदिनीनगर की तस्वीर. वैसे पलामू में कई ऐतिहासिक चीज है. उसे बेहतर बनाने की कोशिश पलामू उपायुक्त डॉ शांतनु कुमार अग्रहरि ने की है.

यह उम्मीद जगा रही है कि आनेवाले कल में कुछ बेहतर होगा. डीसी डॉ अग्रहरि के प्रयास से आजादी के पूर्व से स्थापित साहित्य समाज पुस्तकालय को एक नयी शक्ल दी जा रही है. साहित्य समाज पुस्तकालय की स्थापना 1915 में हुई थी. आजादी की लड़ाई में इस पुस्तकालय की भूमिका रही है. उसे अब नये स्वरूप में समाज के सामने लाया जा रहा है.

ऐसे में यह उम्मीद की जा रही है कि शहर में एक पार्क की जो कमी है, उसे दूर करने के दिशा में भी प्रशासन के स्तर से प्रयास होगा. क्योंकि चियांकी पहाड़ को पार्क का स्वरूप देने में लाखों खर्च भी हो चुके है. ऐसे में अब उसे नया स्वरूप दिया जाये, तो एक बेहतर वातावरण भी बनेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें