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अमृतसर ट्रेन हादसा : मृतकों के आंकड़ों में हेरफेर का आरोप, पिता के शव को ढंकने के लिए लेने गया कपड़ा, लौटा तो लाश गायब

अमृतसर : अमृतसर में दशहरा के दिन हुए ट्रेन हादसे के बाद से पटरियों पर धरना दे रहे प्रदर्शनकारियों को हटा दिया गया है और ट्रेनों का परिचालन करीब 40 घंटे बाद रविवार दोपहर बहाल हो गया. इससे पहले रविवार की सुबह प्रदर्शन कर रहे लोगों ने लापता लोगों की तलाश करने की मांग की. […]

अमृतसर : अमृतसर में दशहरा के दिन हुए ट्रेन हादसे के बाद से पटरियों पर धरना दे रहे प्रदर्शनकारियों को हटा दिया गया है और ट्रेनों का परिचालन करीब 40 घंटे बाद रविवार दोपहर बहाल हो गया. इससे पहले रविवार की सुबह प्रदर्शन कर रहे लोगों ने लापता लोगों की तलाश करने की मांग की.
प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन पर उनकी बात नहीं सुनने और मृतकों के आंकड़ों में हेरफेर करने का आरोप लगाया. बिहार के रहने वाले सुभाष यादव अपने 20 साथियों को तलाश रहे हैं. तीसरे दिन भी उनके बारे में कुछ पता नहीं लग पाया.
जोड़ा फाटक के समीप रहने वाले कमल ने कहा कि मेरे इलाके में रहने वाले दो मजदूर अब भी लापता हैं. उन्होंने आशंका जतायी कि सरकार ने मृतकों की जो संख्या बतायी है, वह उससे अधिक हो सकती है.
वहीं, स्थानीय निवासी राजू ने कहा कि एक व्यक्ति घटना में मारे गये अपने पिता के शव की अब भी तलाश कर रहा है. राजू ने कहा कि वह अपने पिता के शव को ढंकने के लिए कपड़ा लेने गया था, लेकिन जब लौटा तो उसे शव नहीं मिला. एक अन्य स्थानीय निवासी राम कुमार ने दावा किया कि सब्जी बेचने वाले काजल के परिवार के चार सदस्य गायब हैं. घटना में अपने भाई विकास और निंदरपाल को खो चुकी अंजू ने आरोप लगाया कि नेता इस घटना पर राजनीति कर रहे हैं.
जब हर कोई जानता है कि यहां पिछले कई वर्षों से दशहरे का कार्यक्रम होता आ रहा है, तो ऐसे हादसे को रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाने चाहिए थे. एक अन्य व्यक्ति को अपने भाई सोनू की बस चप्पलें मिल पायी हैं. वह चप्पलों को पुलिस थाने लेकर अपने भाई को ढूंढ़ने की गुहार लगाने गया. बताया जा रहा है कि लापता लोगों में अधिकांश मजदूर हैं और वह यूपी और बिहार के रहने वाले हैं.
बिहार के रहने वाले सुभाष यादव अब भी कर रहे अपने 20 साथियों की तलाश
व्यथा : पिता के शव को ढंकने के लिए कपड़ा लेने गया था, जब लौटा तो नहीं मिली लाश
रेलवे ट्रैक से लोगों को हटाने पहुंची पुलिस पर पथराव : अमृतसर के जोड़ा फाटक के समीप रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन कर रहे लोगों को हटाने पहुंची पुलिस और अर्धसैनिक बलों पर प्रदर्शनकारियों ने रविवार को पथराव कर दिया. इसमें पंजाब पुलिस का एक कमांडो और एक फोटो पत्रकार घायल हो गया. इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया.
सब्जी बेचने वाले काजल के परिवार के चार सदस्य भी गायब
लगाया था इमर्जेंसी ब्रेक, रुकने को थी गाड़ी तो लोग करने लगे पथराव : ड्राइवर
जिस ट्रेन से हादसा हुआ, उसे अरविंद कुमार चला रहे थे. अरविंद ने रविवार को बताया कि 19 अक्तूबर की शाम पांच बजे ट्रेन नंबर डीपीसी 11091 का चार्ज लिया और जालंधर के प्लेटफॉर्म-1 से 5:10 पर लेकर चला. शाम 6:44 बजे मानांवाला पहुंचकर 6:46 बजे येलो सिग्नल और ग्रीन सिग्नल मिलने पर अमृतसर के लिए चला. मानांवाला और अमृतसर के बीच गेट नंबर 28 का डिस्टेंट और गेट सिग्नल ग्रीन पास किया.
इसके बाद गेट नंबर 27 के अंतराल और दोनों गेट सिग्नल को डबल येलो में लगातार हॉर्न बजाते हुए पास किया. जैसे ही गाड़ी केएम- 508/11 के आसपास पहुंची, तो सामने से गाड़ी नंबर 13006 डीएन आ रही थी. अचानक लोगों का हुजूम ट्रैक के पास दिखायी दिया, तो मैंने तुरंत हॉर्न बजाते हुए इमर्जेंसी ब्रेक लगा दिया. इमर्जेंसी ब्रेक लगाने पर भी मेरी गाड़ी की चपेट में कई लोग आ गये. गाड़ी की स्पीड लगभग रुकने के करीब थी, तो भीड़ ने मेरी गाड़ी पर पथराव शुरू कर दिया. मैंने सवारियों की सुरक्षा को देखते हुए ट्रेन को आगे भगा दिया.

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