जमालपुर : नोबेल पुरस्कार विजेता राजेंद्र कुमार पचौरी ने कहा है कि भारतीय रेल यांत्रिक एवं विद्युत अभियंत्रण संस्थान में स्पेशल क्लास रेलवे अप्रेंटिस (एससीआरए) की पढ़ाई बंद करने के फैसले पर सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए. पूरे देश में इस प्रकार के समुन्नत संस्थान कहीं नहीं है. वे मंगलवार को इरिमी में आयोजित वार्षिकोत्सव समारोह में भाग लेने के उपरांत पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि एससीआरए की पढ़ाई को बंद करने का निर्णय बहुत बड़ी भूल है.
इस भूल को सुधार करना चाहिए. क्योंकि इस तरह की संस्था दुनिया भर में कहीं नहीं है. उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे यांत्रिक एवं विद्युत अभियंत्रण संस्थान को अपग्रेड करने की जरूरत है. ताकि यहां पढ़ाई के साथ-साथ रेलवे के विकास के बारे में अनुसंधान भी किया जाये. उन्होंने कहा कि यदि विश्वविद्यालय बनाया जाये तो भी ठीक है. मनसा यह है कि इस संस्थान का कुछ न कुछ तो विकास होना ही चाहिए. उन्होंने एससीआरए को बंद करने के निर्णय को गलत बताया.
उन्होंने रेलवे को सेना से सीख लेने की सलाह दी. एससीआरए में मात्र 18 वर्ष के उम्र से लोग अगले 40 वर्ष तक रेलवे की बेहतरी के लिए ही केवल और केवल सोचते हैं और इस संस्थान से बेहतर जगह और कोई दूसरा इस तरह की पढ़ाई के लिए हो ही नहीं सकता. नोबेल पुरस्कार विजेता ने स्पष्ट कहा कि आज हम आंख बंद कर अमेरिका