मधेपुरा : नगर परिषद में सफाई कर्मियों की हड़ताल पर चले जाने की वजह से सफाई व्यवस्था चरमरा गयी है. गंदगी का अंबार लग गया है. सफाई कर्मियों की व्यथा है कि उन्हें लंबे समय से पैसा नहीं मिल रहा है.
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शहर में गंदगी का लगा अंबार, हड़ताल से चरमराई सफाई व्यवस्था
मधेपुरा : नगर परिषद में सफाई कर्मियों की हड़ताल पर चले जाने की वजह से सफाई व्यवस्था चरमरा गयी है. गंदगी का अंबार लग गया है. सफाई कर्मियों की व्यथा है कि उन्हें लंबे समय से पैसा नहीं मिल रहा है. इसक वजह से वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है . वही नगर परिषद की ढिलाई […]
इसक वजह से वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है . वही नगर परिषद की ढिलाई की वजह से शहर में डोर टू डोर कचरा संग्रह परवान नहीं चढ़ सका है. लोगों को डस्टबिन मुहैया हुआ नहीं कराया गया. इस बाबत अविश्वास प्रस्ताव के बाद जब नप में निर्णय की स्थिति थी उस दौरान अचानक समय से पूर्व नप में कार्यरत एनजीओ का करार रद्द कर दिया गया है.
शहर की सुविधा का ध्यान रखे बगैर यहां तक कि नए एनजीओ का चयन किए बगैर इस तरह की कार्रवाई करना बताता है कि नगर परिषद में किस तरह अफसरशाही हावी है. नगर परिषद के पार्षद भी मानते हैं कि एनजीओ को हटा देने से स्थिति विषम हुई है. पहले नए एनजीओ के चयन की तैयारी कर लेनी थी तब जाकर कार्रवाई करना चाहिए था. आज सफाई कर्मियों की हड़ताल का व्यापक असर इसलिए रहा है. क्योंकि एनजीओ नहीं है कोई सफाई की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है.
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