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कैमूर में डीएलएड के 40 अभ्यर्थियों को अंक देने में बड़े पैमाने पर धांधली उजागर, परीक्षा में अनुपस्थित छात्र भी हो गये पास

भभुआ (कैमूर) : निजी विद्यालयों में पढ़ानेवाले अप्रशिक्षित शिक्षकों को डीएलएड कराने के लिए एनआईओएस की ओर से परीक्षा लेकर डीएलएड की डिग्री दी जा रही है. इसके लिए कैमूर जिले में इस वर्ष अटल बिहारी सिंह उच्च विद्यालय में डीएलएड के अभ्यर्थियों को अंक देने में बड़े पैमाने पर धांधली की गयी है. इस […]

भभुआ (कैमूर) : निजी विद्यालयों में पढ़ानेवाले अप्रशिक्षित शिक्षकों को डीएलएड कराने के लिए एनआईओएस की ओर से परीक्षा लेकर डीएलएड की डिग्री दी जा रही है.

इसके लिए कैमूर जिले में इस वर्ष अटल बिहारी सिंह उच्च विद्यालय में डीएलएड के अभ्यर्थियों को अंक देने में बड़े पैमाने पर धांधली की गयी है. इस परीक्षा केंद्र पर परीक्षा देनेवाले 200 परीक्षार्थियों में 40 परीक्षार्थियों को धांधली कर 100 में 90 से 95 अंक तक दिये गये हैं और इनमें एक दर्जन ऐसे अभ्यर्थियों को पास कर दिया गया है, जिन्होंने परीक्षा भी नहीं दी थी. खास बात यह है कि इस मामले के संज्ञान में आने के बाद जब संबंधित पदाधिकारियों की रिपोर्ट मांगी जा रही है, तो जांच को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है. करीब दो महीने से इस मामले की जांच बाधित है.

दरअसल, डीएलएड परीक्षा में धांधली का खुलासा तब हुआ, जब निशा कुमारी नामक एक अभ्यर्थी ने भभुआ एसडीएम को पत्र लिख डीएलएड की परीक्षा में अंक देने में धांधली बरते जाने की लिखित शिकायत की. छात्रा की शिकायत पर जब अटल बिहारी सिंह प्लस टू उच्च विद्यालय के प्रधानाध्यापक सह डीएलएड के अध्ययन केंद्र प्रभारी ने जो रिपोर्ट दी, वह चौंकानेवाली थी.

डीएलएड के अभ्यर्थियों की उत्तरपुस्तिका की जांच के बाद सर्व शिक्षा अभियान द्वारा दिये गये फॉर्मेट पर ऑनलाइन अंक भरना था. इस केंद्र पर जब प्रधानाध्यापक द्वारा 200 अभ्यर्थियों के परीक्षा में आये अंक को भरने के लिए फॉर्मेट को खोला गया, तो पाया गया कि 40 अभ्यर्थियों के नाम के आगे पहले से एसगीमेंट व एसबीए में अंक भरा हुआ है.

फॉर्मेट में एक बार अंक भर दिये जाने के बाद उसे मिटाया या छेड़छाड़ नहीं किया जा सकता है. ऐसे में उसी वक्त जब प्रधानाध्यापक को गड़बड़ी की आशंका हुई, तो उन्होंने पहले से अंकित किये गये नंबर का फॉर्मेट प्रिंट कर रख लिया और ई-मेल व पासवर्ड को हैक करने व बदलने जाने की सूचना डीएलएड के प्रभारी सर्व शिक्षा अभियान के गोविंद कुमार को दी. लेकिन, इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी को ई-मेल आइडी का पासवर्ड हैक कर 40 अभ्यर्थियों को धांधली कर नंबर दिये जाने की सूचना दी है. साथ ही कार्रवाई की भी अनुशंसा की है.

गौर करनेवाली बात यह है कि केंद्र प्रभारी ने स्पष्ट तौर पर ई-मेल आइडी को हैक कर 40 अभ्यर्थी, जिनमें परीक्षा में अनुपस्थित अभ्यर्थियों को भी 90-95 नंबर दिये जाने की रिपोर्ट विगत 31 मई को ही जिला शिक्षा पदाधिकारी को दी है.

जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा केंद्र प्रभारी सह प्रधानाध्यापक की रिपोर्ट पर सर्व शिक्षा अभियान के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी गोविंद कुमार से मामले में जवाब तलब करते हुए रिपोर्ट मांगी. लेकिन, इस मामले के उजागर होने के ढाई महीने बीत गये हैं, आज तक मामले की जांच पूरी नहीं हो सकी.

शिक्षा विभाग के कई अधिकारी व कर्मी पर हो सकती है कार्रवाई

डीएलएड में की गयी धांधली को दबाने के लिए जान-बूझ कर शिक्षा विभाग के अधिकारियों एवं कर्मियों द्वारा जांच को ठंडे बस्ते में डाला गया है. मामले के उजागर होने पर शिक्षा विभाग के कई अधिकारी एवं कर्मी इसमें फंस सकते हैं.

मैट्रिक से लेकर इंटर तक की परीक्षाओं में धांधली उजागर हो चुकी है. हालांकि, हालिया दिनों में जब सरकार ने इसे लेकर रुख कड़े किये, तो बहुत हद तक लगाम लगी है. लेकिन, कैमूर में हुई डीएलएड परीक्षा में जिस तरह से धांधली बरती गयी है, उसमें गड़बड़ी करनेवालों को पकड़ कर ही शिक्षा व्यवस्था को बेहतर किया जा सकता है.

अध्ययन केंद्र का प्रभारी है दोषी : डीपीओ

मामले में सर्वशिक्षा अभियान के डीपीओ नीरज कुमार ने बताया कि जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा मांगी गयी रिपोर्ट पर तीन दिन पहले संबंधित कर्मी से स्पष्टीकरण मांग कर भेज दिया है. हालांकि, उसमें पूरी तरह से परीक्षा में धांधली के लिए अध्ययन केंद्र का प्रभारी ही दोषी है. इस मामले की जांच करा कर कार्रवाई की जा सकती है.

दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई

इस मामले में पूछे जाने पर डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने बताया कि अगर ऐसा हुआ है, तो मामला काफी गंभीर है. इसमें जिला शिक्षा पदाधिकारी से रिपोर्ट लेकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी.

फर्जी प्रमाणपत्र पर बहाल चार शिक्षक बर्खास्त : सीवान. जीरादेई प्रखंड के अलग-अलग स्कूलों में कार्यरत चार शिक्षकों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. इन शिक्षकों पर आरोप है कि इनका नियोजन अमान्य संस्थान के प्रमाणपत्र पर हुआ है. जांच में दोषी पाये के बाद विभाग की अनुशंसा पर संबंधित नियोजन इकाई ने इनकी सेवा समाप्त करने की अनुमति दी.

बीईओ शम्सी अहमद खान ने बताया कि इन चार बर्खास्त शिक्षकों के प्रशिक्षण का प्रमाणपत्र भारतीय शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश का है. इधर स्नातक कृषि का फर्जी प्रमाणपत्र प्रस्तुत कर नौकरी प्राप्त करने के आरोप में दरौली प्रखंड में कार्यरत कृषि समन्वय निर्मल कुमार को बर्खास्त कर दिया गया है.

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