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विधायक रामजी लाल सारडा का सफरनामा : हटिया सीट से भाजपा के आदि व अब तक अंत
रामजी लाल सारडा भाजपा के बेजोड़ सिपाही हैं. पहले जनसंघ फिर जनता पार्टी व उसके बाद भाजपा से जुड़नेवाले रामजी लाल ने ही हटिया सीट से भाजपा की अोपनिंग की थी. वर्ष था 1990. इस वर्ष पहली बार भाजपा ने उन्हें टिकट दिया था. रामजी लाल न सिर्फ जीते, बल्कि उन्होंने इसके बाद के दो […]
रामजी लाल सारडा भाजपा के बेजोड़ सिपाही हैं. पहले जनसंघ फिर जनता पार्टी व उसके बाद भाजपा से जुड़नेवाले रामजी लाल ने ही हटिया सीट से भाजपा की अोपनिंग की थी. वर्ष था 1990. इस वर्ष पहली बार भाजपा ने उन्हें टिकट दिया था. रामजी लाल न सिर्फ जीते, बल्कि उन्होंने इसके बाद के दो चुनावों 1995 तथा 2000 में अपनी जीत दोहरायी. पर 2009 इस बुर्जुआ नेता के नाम एक ऐसा रिकॉर्ड है, जो उन्हें खास बनाता है.
दरअसल वह हटिया सीट से भाजपा के आदि व अब तक के अंत भी रहे हैं. उनसे पहले इस सीट से कोई नहीं जीता तथा उनके बाद भी इस पार्टी को 2014 तक के विभिन्न विधानसभा चुनावों में हार का मुंह देखना पड़ा. हालांकि हटिया के पूर्व विधायक गोपाल शाहदेव के निधन के बाद 2010 में हुए उपचुनाव में खुद श्री सारडा भी अाजसू के नवीन जायसवाल से पराजित हो गये थे. इस बार अाजसू व झाविमो से भाजपा में अाये नवीन जायसवाल हटिया से पार्टी प्रत्याशी हैं.
रामजी लाल का सफर
1955-59 में संघ से जुड़े (फिर जनसंघ व जनता पार्टी में रहे)
1990 : हटिया से जीते
1995 : हटिया से जीते
2000 : हटिया से जीते
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