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जमशेदपुर के टाटा स्टील प्लांट में आतंकवादी हमले की आशंका, अलर्ट

जमशेदपुर : देश की प्रतिष्ठित इस्पात कंपनी टाटा स्टील के जमशेदपुर स्थित प्लांट पर आतंकी हमले की आशंका जतायी जा रही है. इस आशंका के तहत कंपनी ने अपने स्तर पर सुरक्षा-व्यवस्था की पुख्ता तैयारियां की है. गुरुवार शाम जमशेदपुर स्थित सेंटर फॉर एक्सीलेंस सभागार में हुई राउंड टेबल मीटिंग में कंपनी के सिक्युरिटी एंड […]

जमशेदपुर : देश की प्रतिष्ठित इस्पात कंपनी टाटा स्टील के जमशेदपुर स्थित प्लांट पर आतंकी हमले की आशंका जतायी जा रही है. इस आशंका के तहत कंपनी ने अपने स्तर पर सुरक्षा-व्यवस्था की पुख्ता तैयारियां की है.
गुरुवार शाम जमशेदपुर स्थित सेंटर फॉर एक्सीलेंस सभागार में हुई राउंड टेबल मीटिंग में कंपनी के सिक्युरिटी एंड ब्रांड प्रोटेक्शन विभाग के चीफ गोपाल प्रसाद चौधरी ने यह जानकारी दी है.
उन्होंने कहा कि देश की इंटेलिजेंस एजेंसी से कंपनी को यह सूचना मिली है. श्री चौधरी ने बताया कि टाटा स्टील ने सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर आवश्यक तैयारी की है. कंपनी की पूरी चहारदीवारी पर इलेक्ट्रिक फेंसिंग की गयी है. दीवार को छूते ही मात्र दो सेकेंड में कंट्रोल कमांड एरिया को सूचना मिल जायेगी. कंपनी की सुरक्षा में सेंट्रल व स्टेट इंडस्ट्रियल सिक्युरिटी फोर्स लगी है. उन्होंने कहा कि कंपनी के 15 हजार स्थायी, 35 हजार अस्थायी कर्मचारियों सहित शेयरधारकों, निवेशकों के हितों की रक्षा करने के लिए सुरक्षा-व्यवस्था मजबूत कर दी गयी है. मौके पर टाटा स्टील, कॉरपोरेट कम्युनिकेशन चीफ कुलवीन सूरी भी मौजूद थे.
अर्थव्यवस्था की रीढ़ समझी जानेवाली कंपनियों को निशाना बनाते हैं आतंकी
श्री चौधरी ने कहा कि कंपनी की जिम्मेदारी है कि न सिर्फ साइबर, बल्कि आतंकी घटना से भी कंपनी को सुरक्षित रखा जाये. शहर से अलकायदा और आइएसआइ के आतंकी कटकी और कलीमुउद्दीन पकड़े जा चुके हैं.
दो साल पहले बेल्डीह काली बाड़ी के पास एक डस्टबिन में बम विस्फोट हो चुका है. वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले की बात करते हुए उन्होंने कहा कि आतंकी सरकारी इमारतों के बजाय अर्थव्यवस्था की रीढ़ समझे जानेवाली कंपनियों को निशाना बनाते हैं, ताकि देश को ज्यादा से ज्यादा आर्थिक नुकसान पहुंचाया जा सके.
सुरक्षा-व्यवस्था मजबूत होने के बाद घटना में आयी कमी
टाटा स्टील के सिक्युरिटी एंड ब्रांड प्रोटेक्शन विभाग के चीफ गोपाल प्रसाद चौधरी ने कहा कि कंपनी की सुरक्षा-व्यवस्था मजबूत होने के बाद कंपनी परिसर में पकड़े जानेवाले अपराधियों की संख्या में कमी आयी है.
साल 2015 में 373, साल 2016 में 317, साल 2017 में 204, साल 2018 में 122 और साल 2019 में 80 लोगों को पकड़ा गया. उन्होंने फिक्की द्वारा कराये गये इंडिया रिस्क सर्वे के आंकड़े भी प्रस्तुत किये. उन्होंने कहा कि अब कोई भी बाहरी व्यक्ति सीधे कंपनी परिसर के अंदर घुस नहीं सकता. श्री चौधरी ने कहा कि आर्थिक मंदी की वजह से शहर में आपराधिक घटनाओं में इजाफा हुआ है.
सिक्युरिटी एंड ब्रांड प्रोटेक्शन विभाग केचीफ को इंटेलिजेंस एजेंसी से मिली सूचना
कंपनी ने अपने स्तर से की सुरक्षा की तैयारी, चहारदीवारी पर इलेक्ट्रिक फेंसिंग की गयी
दीवार छूते ही मात्र दो सेकेंड के अंदर कंट्रोल कमांड एरिया को मिल जायेगी इसकी सूचना
कंपनी को सेंट्रल और स्टेट इंडस्ट्रियल सिक्युरिटी फोर्स द्वारा भी मुहैया करायी जा रही सुरक्षा
24 किमी की परिधि पर फैला है टाटा स्टील जमशेदपुर वर्क्स, 17 किमी लंबी है चहारदीवारी
203 किमी का रेलवे और 85 किमी का रोड नेटवर्क है कंपनी परिसर के अंदर

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