32.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

पीनियल ग्रंथि को स्वस्थ रखता है नाग मुद्रा

मां ओशो प्रिया संस्थापक, ओशोधारा सोनीपत समय के अनुसार मनुष्य ने अपने मस्तिष्क को विकसित किया है. शोध के अनुसार, मनुष्य अपने मस्तिष्क का केवल 10 फीसदी ही उपयोग कर पाता है. किंतु प्राणायाम, ध्यान एवं मुद्राओं के माध्यम से मनुष्य अपने मस्तिष्क की कार्य क्षमता बढ़ा सकता है. मनुष्य के शरीर के भीतर अलौकिक […]

मां ओशो प्रिया
संस्थापक, ओशोधारा
सोनीपत
समय के अनुसार मनुष्य ने अपने मस्तिष्क को विकसित किया है. शोध के अनुसार, मनुष्य अपने मस्तिष्क का केवल 10 फीसदी ही उपयोग कर पाता है. किंतु प्राणायाम, ध्यान एवं मुद्राओं के माध्यम से मनुष्य अपने मस्तिष्क की कार्य क्षमता बढ़ा सकता है. मनुष्य के शरीर के भीतर अलौकिक शक्तियां छिपी हुई हैं. अज्ञानता के कारण ये शक्तियां सुप्त अवस्था में पड़ी हुई हैं. कोई भी व्यक्ति कुछ प्रयासों द्वारा इन शक्तियों को उजागर कर सकता है.
मस्तिष्क के मध्य भाग में सिर की चोटी के पास पीनियल ग्रंथि- एक छोटी सी गुफा वाले आकार के छिद्र में स्थित है. डेढ़ से दो मिलीग्राम वाली, आंख की पुतली की तरह सूक्ष्म. पीनियल ग्रंथि से स्रावित रस बड़े ही चमत्कारी होते हैं. नाग मुद्रा के निरंतर प्रयोग से आंतरिक शक्ति बढ़ती है. मन की विश्लेषणात्मक शक्ति जागृत होती है. बुद्धिमत्ता बढ़ती है. अच्छा बुरा सोचने की क्षमता बढ़ती है.
कैसे करें : दोनों हाथों को छाती के सामने रखें. नीचे वाले हाथ की उंगलियां बायीं ओर और ऊपर वाले हाथ की उंगलियां सामने की ओर. ऊपर वाले हाथ का पृष्ठ भाग नीचे वाले हाथ की हथेली से लगा लें. नीचे वाले हाथ का अंगूठा ऊपर वाले हाथ की हथेली से लगा दें और ऊपर वाले हाथ का अंगूठा नीचे वाले हाथ के अंगूठे पर रखें. दोनों अंगूठे आपस में तिरछी दिशा में रखें तथा गहरे और लंबे सांस लें.
अवधि : 15 मिनट.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें