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प्रभात खबर मुद्दा : गुमला में बननी थी 37 किमी, पर सात साल में बनी सिर्फ 17 किमी सड़क

दुर्जय पासवान बसिया व सिसई प्रखंड की लाइफ लाइन सड़क अधूरी, 50 हजार की आबादी प्रभावित गुमला : बसिया व सिसई प्रखंड की लाइफ लाइन सड़क सात साल में भी अधूरी है. अब तक 37 किमी में मात्र 17 किमी सड़क बनी है. वह भी जैसे-तैसे काम हुआ है. अभी भी 20 किमी सड़क का […]

दुर्जय पासवान
बसिया व सिसई प्रखंड की लाइफ लाइन सड़क अधूरी, 50 हजार की आबादी प्रभावित
गुमला : बसिया व सिसई प्रखंड की लाइफ लाइन सड़क सात साल में भी अधूरी है. अब तक 37 किमी में मात्र 17 किमी सड़क बनी है. वह भी जैसे-तैसे काम हुआ है. अभी भी 20 किमी सड़क का निर्माण अधूरा है. 20 किमी सड़क के अलावा 12 हाइ लेवल पुल व छह कलवर्ट भी अधूरे हैं. सिसई व बसिया प्रखंड सिसई विधानसभा क्षेत्र में आता है. यह सड़क बसिया व सिसई प्रखंड के करीब 50 हजार आबादी के लिए लाइफ लाइन है.
लेकिन प्रशासनिक अदूरदर्शिता, स्थानीय नेताओं द्वारा अभिरूचि नहीं लेने व संवेदक की लापरवाही से सड़क का काम अभी तक अधूरी है. इस सड़क के नहीं बनने से जहां लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है, वहीं सड़क पर डस्ट बिछाकर छोड़ देने से उड़ते धूलकण से लोग बीमार हो रहे हैं.
सड़क अधूरा रहने से हो रही परेशानी : सड़क पर बोल्डर, पत्थर होने के कारण हर रोज हादसे हो रहे हैं. इससे बाइक सवार परेशान हैं. सड़क पर गिरे डस्ट के कारण उड़ते धूल कण से लोग परेशान हैं. रात के अंधेरे में लोगों का सड़क पर सफर करना खतरनाक हो गया है. इस रूट में जो खेत हैं, उसमें लगी फसल भी धूल-कण से बरबाद हो रहे हैं.
दो बार हुआ है सड़क का शिलान्यास
बसिया से सिसई प्रखंड तक 37.50 किमी लंबी सड़क बनानी है. 2012 में पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा ने ऑनलाइन इसका शिलान्यास किया था. वर्ष 2012 में 37.50 किमी सड़क की लागत 45 करोड़ रुपये थी. 2015 में दोबारा स्पीकर व सांसद ने सड़क का शिलान्यास किया. सड़क का नया शिलान्यास होने पर इसकी लागत में दो करोड़ की वृद्धि हुई और सड़क निर्माण की यह योजना बढ़कर 47 करोड़ की हो गयी.
सड़क निर्माण के दौरान अब तक क्या-क्या हुआ
37 में 31 कलवर्ट पूर्ण हो गया है. छह कलवर्ट पर काम शुरू नहीं हुआ है
सिसई से बसिया तक 12 हाई लेवल पुल बनना है. सभी पुल अधूरा बना है.
करीब 20 किमी सड़क पर जगह-जगह बोल्डर बिछा है, डस्ट गिरा हुआ है.
सिसई से नगर तक बनी सड़क जगह-जगह टूट गयी है. गड्ढा हो गया है.
बसिया से कुम्हारी तक करीब 12 किमी सड़क बनी है, जो चलने लायक है.
छोटी-बड़ी लगभग 200 गाड़ियां रोजाना इस सड़क से गुजरती है. सैकड़ों बच्चे साइकिल, मोटरसाइकिल व टेंपो इत्यादि से स्कूल-कॉलेज आते हैं. बीमार व्यक्ति, गर्भवती महिला आदि को इसी रोड से गुजर कर मुख्यालय लाना पड़ता है. ऊपर से सड़क से उड़ते धूलकण गांव के लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं.
दीपक अधिकारी, प्रखंड उपप्रमुख, सिसई
व्यापारी एवं किसानों को इसी सड़क से गुजरना होता है. अधूरी सड़क के कारण जो परेशानी हो रही है, उसे बयां नहीं कर सकते. सड़क खराब होने से कच्चा माल के हिलने-डुलने व गिरने से सामान खराब हो रहा है. वाहनों का किराया भी अधिक लगता है. न जाने कब इस समस्या से निजात मिलेगी.
मो जहीरउद्दीन, व्यवसायी, सिसई
रोज पढ़ाई करने के लिए साइकिल से 20 किलोमीटर दूरी तय कर सिसई आते हैं. सड़क में चलने पर डर लगता है. आधी दूरी तो हम लोग पैदल चलकर तय करते हैं. रोजाना कपड़ा गंदा हो जाता है. समय से कॉलेज नहीं पहुंच पाते हैं. न ही वापस घर पहुंच पाते हैं. सड़क बन जायेगी, तो हम छात्रों को राहत मिलेगी.
अनिता कुमारी, छात्रा, बसिया

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