अवधेश कुमार राजन, गोपालगंज : जिले के दवा दुकानदार बुधवार से तीन दिनों की हड़ताल पर रहेंगे. इस दौरान दुकानदार धरना- प्रदर्शन करेंगे. शहर से लेकर गांव तक सभी दवा दुकानें बंद रहेंगी. दुकान बंद रहने से मरीजों की परेशानी बढ़ सकती है. आम तौर पर पेट में गैस, दर्द, खासी, बुखार, नजला, बदन दर्द जैसी छोटी बीमारियों में लोग दवा खरीद लेते हैं.
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हड़ताल को लेकर स्टॉक में दवा रखने का िवभाग ने िदया आदेश
अवधेश कुमार राजन, गोपालगंज : जिले के दवा दुकानदार बुधवार से तीन दिनों की हड़ताल पर रहेंगे. इस दौरान दुकानदार धरना- प्रदर्शन करेंगे. शहर से लेकर गांव तक सभी दवा दुकानें बंद रहेंगी. दुकान बंद रहने से मरीजों की परेशानी बढ़ सकती है. आम तौर पर पेट में गैस, दर्द, खासी, बुखार, नजला, बदन दर्द […]
उन लोगों के लिए यह हड़ताल भारी पड़ सकती है. दवा दुकानों के बंद रहने के कारण सरकारी अस्पतालों पर ही निर्भर रहना पड़ेगा. सरकारी अस्पतालों भी 57 फीसदी दवाएं उपलब्ध नहीं हैं. दवा के अभाव में जिले के लगभग 30 लाख की आबादी के सामने परेशानी उत्पन्न हो सकती है. दुकानदार सरकार से रियायत की मांग कर रहे हैं.
हड़ताल की क्यों आयी मजबूरी: जानकार अरुण कुमार गुप्ता की मानें तो दवा दुकानों के लिए सरकार की ओर से फार्मासिस्ट आवश्यक कर दिया गया है.
अब दवा दुकानों के लाइसेंस का रिन्युअल आवेदन ऑनलाइन करना है, जिसमें फार्मासिस्ट का कॉलम बना है. कॉलम में फार्मासिस्ट का नाम, आधार नंबर व प्रमाणपत्र भी अपडेट करना है. अगर एक ही फार्मासिस्ट दूसरी दुकान के लिए ऑनलाइन करता है, तो वह रिजेक्ट हो जा रहा है, जिसके कारण अप्रैल, 2019 से लाइसेंस रिन्युअल नहीं हो रहा है. बगैर लाइसेंस की दुकानें नहीं चल सकती हैं.
नर्सिंग होम में भी इमरजेंसी की दवा रखने का आदेश
हड़ताल को देखते हुए जिले के सभी सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों को निर्देश दिया गया है कि वे इमरजेंसी के लिए दवा स्टॉक कर लें. मरीजों को परेशानी न हो इसके लिए सिविल सर्ज न को निर्देश दिया गया है.
नर्सिंग होम को भी निर्देश दिया गया है कि वे अपने यहां इमरजेंसी दवाएं स्टाॅक रखें.
अरशद अजीज, डीएम गोपालगंज
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