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बैंक कैशलेस और पब्लिक हेल्पलेस

अब तो कर्ज भी नहीं मिल रहा, संकट में बाजार गोपालगंज : महम्मदपुर नीलामी के रवींद्र राम के बेटे की तबीयत खराब है. डॉक्टर उन्हें गोरखपुर रेफर कर चुके हैं, लेकिन कैश की कमी से बेटा ठीक नहीं हो रहा है. लोगों के पास भी कैश नहीं है कि कर्ज ले सकें. कर्ज देने वाले […]

अब तो कर्ज भी नहीं मिल रहा, संकट में बाजार

गोपालगंज : महम्मदपुर नीलामी के रवींद्र राम के बेटे की तबीयत खराब है. डॉक्टर उन्हें गोरखपुर रेफर कर चुके हैं, लेकिन कैश की कमी से बेटा ठीक नहीं हो रहा है. लोगों के पास भी कैश नहीं है कि कर्ज ले सकें. कर्ज देने वाले भी कैश का अभाव झेल रहे हैं. बैंकों का खजाना खाली है. एटीएम कैशलेस है. पब्लिक हेल्पलेस हो गयी है. कैश की किल्लत से हर आम व खास परेशान है. बैंकों की ना-ना सुनकर तो कइयों ने बैंक में आना भी छोड़ दिया है, वहीं बैंकों में कर्मियों एवं ग्राहकों के बीच रोज तीखी झड़प हो रही है. समस्या उनको है, जिनके घर शादी है. बतरदेह के प्रभुनाथ साह के बेटी की शादी है, पैसे बैंक में हैं और वे बैंककर्मियों की चिरौरी कर थक चुके हैं.
सुबह-शाम कई लोग इस आशा में एटीएम का चक्कर लगा रहे हैं कि शायद पैसा डाला गया हो. अपना पैसा भी बैंक नहीं दे रहा, इस कारण आमजन में काफी आक्रोश देखा जा रहा है. लोगों का कहना है कि नोटबंदी से भी इतनी परेशानी नहीं हुई थी. लंबे समय से यहां कैश की किल्लत बनी हुई है. दो हजार रुपये का नोट तो लगभग गायब हो गया है. एटीएम की दिक्कत अब बैंक शाखाओं तक पहुंच गयी है. शाखाओं में बड़े नोटों की किल्लत शुरू हो गयी है.
दो हजार के नोट की जमाखोरी के चलते बैंकों के पास पहुंच नहीं रहा है. वहीं, आरबीआई द्वारा दो हजार के नोटों की छपाई बंद करने से बाजार में किल्लत पैदा हो गयी है. ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोग रकम निकालने को परेशान हैं. वहीं, गेहूं बेचने के बाद भी किसानों को अपनी रकम बड़े नोटों में नहीं मिल रही. विवाह के दौर में भरपूर कैश नहीं होने के कारण ग्रामीण जेवरों की खरीदारी नहीं कर पा रहे.
बड़े नोट की कमी से बेकार हुई एटीएम
कैशलेस एटीएम के गार्ड पर गुस्सा उतार रहे लोग
कैश की कमी से जिले के 90 फीसदी एटीएम बेकार बनी हुई है. जहां एटीएम में कैश है वहां लंबी कतार है. कैश की उम्मीद में लोग चिलचिलाती धूप में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. किसी को कैश मिल रहा तो कोई खाली हाथ. इन सब के बीच कई ऐसे एटीएम जहां कैशलेस की निगरानी गार्ड कर रहे हैं.
कैश की किल्लत से सहमे लोग
बैंकों में रुपये जमा होने में गिरावट आने लगी है. कैश की किल्लत से पिछले कई दिनों से बैंक एवं एटीएम की जो हालत है उससे लोगों में भय है. बैंक में जमा रुपये समय पर मिल पायेगा या नहीं इसको लेकर लोग सशंकित हैं. इसकी वजह से बैंक में रुपये जमा करने के बदले उसे सहेज कर रख रहे हैं. इससे बैंकों की स्थिति और भी बिगड़ती जा रही है. कैश जमा होने से कुछ राहत थी, मगर धीरे-धीरे इसकी किल्लत विकराल होती जा रही है. कई शाखा प्रबंधकों की माने तो बैंकों में डिपोजिट की संख्या में तेजी से गिरावट आ रही है. बैंकों में रुपये निकालने वाले लोग अधिक आ रहे हैं. डिपॉजिट करने वालों की संख्या कम हो रही है. पिछले कुछ दिनों से कैश की किल्लत से लोग सहमे हुए हैं.
अगले सप्ताह कैश मिलने की उम्मीद
अगले सप्ताह कैश मिलने की संभावना है. गोपालगंज में कैश की संकट के पीछे विदेशों से आने वाला कैश भी है. यूपी में भी कैश जा रहा. इसके अलावा शादी-विवाह के कारण ग्राहकों के सामने समस्याएं हैं. बैंकों के तरफ से लगातार कोशिश की जा रही है. आरबीआई को पल-पल की जानकारी दी गयी है.
राजन कुमार, प्रबंधक, अग्रणी बैंक
ये हैं सप्लाई चेन
प्रिंटिंग प्रेस से आरबीआई के गोपनीय वॉल्ट
गोपनीय वॉल्ट से आरबीआई क्षेत्रीय कार्यालय
क्षेत्रीय कार्यालयों से बैंकों के गवर्नमेंट ब्रांच और करेंसी चेस्ट
करेंसी चेस्ट से बैंक शाखा
ब्रांच से आउट प्वाइंट एटीएम के फीडिंग एजेंसी के पास
ब्रांच एटीएम बैंक शाखा फीड करती है.
पेट्रोल पंपों से किया जा रहा कैश आने का इंतजार
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा कैश देने में की जा रही कंजूसी व लोगों की डिमांड के बीच बैंक प्रबंधन पीस रहे हैं. डिमांड के अनुसार भुगतान करने में बैंक लाचार है. ऐसे समय में कई बैंकों को पेट्रोल पंप व गैस एजेंसी का सहारा है. वो पंप व गैस एजेंसी संचालकों से कैश जमा करने का अनुरोध कर रहे हैं. शाखा प्रबंधकों ने कहा कि इनकी वजह से ही लोगों को कैश दे पा रहे हैं.

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