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मातम में बदली सगाई की खुशी,

गिरिडीह शहर के शास्त्रीनगर निवासी वार्ड पार्षद अमित बरदियार और उनके परिवार के लिए मंगलवार का दिन काला साबित हुआ. पार्षद समेत परिवार के सात लोग देवघर सगाई समारोह में जा रहे थे, जो रास्ते में हादसे का शिकार हो गये. अमित की घटना में मौत से गिरिडीह शास्त्रीनगर में मातम पसरा हुआ है. लोग […]

गिरिडीह शहर के शास्त्रीनगर निवासी वार्ड पार्षद अमित बरदियार और उनके परिवार के लिए मंगलवार का दिन काला साबित हुआ. पार्षद समेत परिवार के सात लोग देवघर सगाई समारोह में जा रहे थे, जो रास्ते में हादसे का शिकार हो गये. अमित की घटना में मौत से गिरिडीह शास्त्रीनगर में मातम पसरा हुआ है. लोग घायलों के स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रहे हैं.

गिरिडीह/बेंगाबाद : नगर निगम वार्ड नौ के पार्षद अमित बरदियार अपने पूरे परिवार के साथ सगाई समारोह में शामिल होने देवघर जा रहे थे. अमित की मां व उनके दो भाई पहले ही देवघर जा चुके थे. मंगलवार दोपहर को अमित अपनी पत्नी, पुत्र, भाई, भाभी व भतीजा-भतीजी को लेकर ऑल्टो कार से देवघर जा रहे थे. सभी काफी खुश थे.

तभी सामने से काफी तेज रफ्तार से एक स्काॅर्पियो गाड़ी आ गयी जिसके कारण यह भीषण हादसा हो गया. घटना के बाद खुशी का माहौल मातम में बदल गया. चंद मिनटों में दुर्घटना की खबर पूरे शहर में फैल गयी. सूचना मिलते ही विधायक निर्भय कुमार शाहबादी, मेयर सुनील कुमार पासवान, डिप्टी मेयर प्रकाश सेठ, बार एसोसिएशन के सचिव चुन्नूकांत, पूर्व नप अध्यक्ष दिनेश यादव, वार्ड पार्षद सुमित कुमार, शिवम श्रीवास्तव, सोनू चौरसिया, रंजन सिन्हा, त्रिभुवन दयाल, शिवेंद्र कुमार सिन्हा, अजयकांत झा, सिंकू सिन्हा, मिथुन चंद्रवंशी समेत कई लोग पहुंचे.

बेंगाबाद से पुलिस के वाहन व एंबुलेंस से घायलों को अस्पताल लाते ही सभी लोग घायलों को लेकर इलाज कराने दौड़ पड़े. यहां से जिन घायलों को रेफर किया गया उन्हें एंबुलेंस पर लादकर भेजने में लोग जुटे रहे. इधर इस घटना की जानकारी मिलते ही शास्त्रीनगर के लोग भी अस्पताल में पहुंचने लगे. सभी लोग घायलों को ठीक होने की कामना करते दिखे. घायलों को धनबाद भेजने के बाद शाम चार बजे अचानक अमित की मौत की खबर पहुंची तो सभी लोग दुखी हो गये.

समय पर नहीं पहुंचा एंबुलेंस कराहते रहे घायल :कर्णपुरा में हुई भीषण सड़क दुर्घटना में घायलों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाने में बेंगाबाद पुलिस के पसीने छूट गये. मौके पर पहुंचे एएसआइ अरुण कुमार पांडेय ने तत्काल बेंगाबाद सरकारी अस्पताल में संपर्क स्थापित कर वहां से एक एंबुलेंस को कर्णपुरा बुलाया. जिसमें पहले अमित और छोटे बच्चों को इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचाया. उसके बाद 108 नंबर पर संपर्क साधकर एंबुलेंस की मांग की गयी, लेकिन घटना के आधा घंटा बीत जाने के बाद भी 108 एंबुलेंस नहीं पहुंचा.

गंभीर रूप से घायल अमर बरदियार बेहोशी की हालत में धूप में बेसुध तड़प रहे थे. पुलिस जवानों ने एक-दो ऑटो को रोककर सहयोग भी मांगा, लेकिन ऑटो चालकों ने सवारी का हवाला देकर मदद नहीं किया. अंत में पुलिस ने हाइवा पेट्रोल वाहन के सहारे अमर को सदर अस्पताल पहुंचाया. समय पर एंबुलेंस नहीं पहुंचने से ग्रामीणों में आक्रोश भी देखा गया.

सदर अस्पताल में दिखी लचर व्यवस्था : घायलों को जब सदर अस्पताल लाया गया तो यहां पर भी लचर व्यवस्था दिखी. घायलों को इलाज के लिए इमरजेंसी में ले जाने के लिए पर्याप्त मात्रा में स्ट्रेचर नहीं मिला तो लोग गोद में ही उठाकर घायलों को लेकर अस्पताल के अंदर गये. इसके बाद घायलों को सलाइन चढ़ाया जाने लगा तो वार्ड ब्वाॅय नहीं मिला.

इतना ही नहीं घायलों को सदर अस्पताल से धनबाद ले जाने के लिए एंबुलेंस के लिए भी आधा घंटे तक इंतजार करना पड़ा. एंबुलेंस के लिए विधायक निर्भय शाहबादी को कई दफा फोन लगाना पड़ा.

परिजनों के विलाप से गमगीन हुआ माहौल : सगाई समारोह में भाग लेने पहले से ही देवघर जा चुकी अमित की मां अंजू देवी, दो भाई पूरे परिवार के साथ सदर अस्पताल पहुंचे. अस्पताल पहुंचते ही परिजन दहाड़ मारकर रोने लगे. परिजनों के चीत्कार से अस्पताल का माहौल गमगीन हो गया. लोग परिजनों का ढांढस बंधाने में जुटे थे.

बेटी को लाने रांची जा रहे थे शंकर साह : इधर इस घटना में स्कॉर्पियो पर सवार जिस प्रवीण कुमार मंडल की मौत हुई है उसके जीजा शंकर साह ने बताया कि उनकी पुत्री सृष्टि रांची के संत जेवियर्स संस्थान में पढ़ती है. होली के मौके पर हुई छुट्टी के बाद उसे लाने वह अपने साले प्रवीण कुमार मंडल के साथ देवघर से रांची जा रहे थे.

स्कॉर्पियो में दो ही व्यक्ति सवार थे. बताया कि दुर्घटना के बाद एयर बैग भी खुला, लेकिन जिस तरफ उसका साला बैठा था उधर की खिड़की का शीशा खुला हुआ था. वाहन के पलटने के बाद उसके साले का सिर बाहर की ओर निकल गया. जिसके कारण प्रवीण दब गया और मौके पर ही उसने दम तोड़ दिया. लोगों का कहना है कि खिड़की यदि बंद रहती तो प्रवीण भी सुरक्षित रहता.

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