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बाबानगरी में रघुवर सरकार, सरयू नहीं पहुंचे, श्रावणी मेला को राष्ट्रीय दर्जा दिलाने की पहल करेगा झारखंड, केंद्र को भेजेगा प्रस्ताव

देवघर : पहली बार देवघर में आयोजित कैबिनेट की बैठक में रघुवर सरकार ने संताल परगना को कई तोहफे दिये. कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया गया कि झारखंड सरकार देवघर-बासुकिनाथ श्रावणी मेले को राष्ट्रीय मेले का दर्जा देने का प्रस्ताव केंद्र को भेजेगी. कैसे विश्व पर्यटन के मानचित्र पर देवघर को लाया जाये, देवघर […]

देवघर : पहली बार देवघर में आयोजित कैबिनेट की बैठक में रघुवर सरकार ने संताल परगना को कई तोहफे दिये. कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया गया कि झारखंड सरकार देवघर-बासुकिनाथ श्रावणी मेले को राष्ट्रीय मेले का दर्जा देने का प्रस्ताव केंद्र को भेजेगी. कैसे विश्व पर्यटन के मानचित्र पर देवघर को लाया जाये, देवघर के श्रावणी मेला कैसे अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त करे, इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है. कैबिनेट की बैठक में कुल 17 प्रस्तावों पर मुहर लगी. इनमें पांच प्रस्ताव संताल परगना से संबंधित हैं.
उपायुक्त को मिली शक्ति : बैठक के बाद कैबिनेट सचिव अजय कुमार सिंह ने बताया : अब क्षतिपूरक वनरोपण के लिए सरकारी भूमि गैरमजरूआ डीम्ड फॉरेस्ट सहित सशुल्क स्थायी हस्तांतरण से संबंधित सभी मामलों के निस्तारण की शक्ति उपायुक्त को दी गयी है. पहले इस पर कैबिनेट निर्णय लिया करती थी. इसके अलावा कैंटीन स्टोर्स डेवलपमेंट द्वारा शराब की खरीद /बिक्री को वैट मुक्त करने के प्रस्ताव को भी बैठक में मंजूरी दे दी गयी.
गोड्डा जिले में सुंदर जलाशय योजना के जीर्णोद्धार और मुख्य नहरों की लाइनिंग के कार्य के लिए 85.54 करोड़ के प्राक्कलन की प्रशासनिक स्वीकृति दी गयी. बैठक में मंत्री सरयू राय को छोड़ सरकार के सभी मंत्री शामिल हुए. इनमें सीपी सिंह, राज पलिवार, रणधीर सिंह, डॉ नीरा यादव, नीलकंठ सिंह मुंडा, रामचंद्र चंद्रवंशी, अमर बाउरी, डॉ लोइस मरांडी और रामचंद्र सहिस मौजूद थे. वहीं मुख्य सचिव डीके तिवारी सहित कई विभागों के सचिव मौजूद थे.
वैटमुक्त होगा कैंटीन में शराब बेचना व खरीदना
कैबिनेट के अन्य फैसले
सीमा सुरक्षा बल प्रशिक्षण केंद्र एवं विद्यालय मेरु हजारीबाग द्वारा संचालित कैंटीन द्वारा खरीद बिक्री किये जाने वाले शराब पर वैट से विमुक्ति प्रदान करने के लिए पूर्व में निर्गत अधिसूचना की कैबिनेट ने मंजूरी दी.
योजना सह वित्त विभाग के प्रस्ताव जिसमें सर्वोच्च न्यायालय अवमानना में पारित न्यायादेश के आलोक में कर्मियों को स्वीकृत एसीपी/एमएसीपी के फलस्वरुप बकाये वेतन आदि के भुगतान के लिए झारखंड आकस्मिकता निधि से 6.20 करोड़ अग्रिम की निकासी की स्वीकृति दी गयी.
राज्य अंतर्गत एनपीएस /सीपीएस के कर्मचारी अंशदान और समतुल्य सरकारी अंशदान की राशि का संबंधित प्रैन (PRAN) खाता में सर्वर-टू-सर्वर इंटीग्रेशन की कार्रवाई के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी.
हरीश चंद्र झा बनाम झारखंड राज्य तथा अन्य में झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायादेश के अनुपालन के लिए वित्त विभाग के संकल्प 10770 दिनांक 30.12.1981 की कंडिका 11(ii) के प्रावधान जिसके तहत कालबद्ध प्रोन्नति के लिए नियमित प्रोन्नति की सभी अर्हताओं को पूर्ण करना अनिवार्य है, के प्रावधान को अपवाद की स्थिति में क्षान्त करने की मंजूरी दी गयी. यह भी मंजूरी दी गयी कि अन्य किसी भी मामले में इसे पूर्वउदाहरण नहीं माना जायेगा.
गुमला जिला में डुमरी बड़ा कटरा- केराकोना कुल लंबाई 11.40 किलोमीटर सड़क को ग्रामीण विकास विभाग से पथ निर्माण को हस्तांतरित करते हुए इसके पुनर्निर्माण कार्य (पुल निर्माण और भू अर्जन सहित) कुल 56.72 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी.
पथ प्रमंडल बोकारो के अंतर्गत विष्णुगढ़-नरकी पथ के 22.96 किलोमीटर के चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण कार्य के लिए 41.57 करोड़ के पुनरीक्षित प्रशासनिक की स्वीकृति मिली.
गिरिडीह जिला के अंतर्गत फतेहपुर मोड़ से बोंगी भाया भेलवाघाटी रोड को ग्रामीण विकास विभाग से पथ निर्माण विभाग को हस्तांतरित करते हुए (पुनर्निर्माण कार्य पुल निर्माण एवं भू अर्जन सहित) के लिए 50.51 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति के प्रस्ताव को मंजूरी मिली.
पथ निर्माण विभाग के वर्तमान में निलंबित सहायक अभियंता तदेन प्राक्कलन पदाधिकारी शिवशंकर चौधरी के विरुद्ध प्रमाणित आरोपों के आधार पर सेवा से बर्खास्तगी के प्रस्ताव पर लगी मुहर.
जिला योजना अनाबद्ध निधि के माध्यम से योजनाओं की स्वीकृति एवं कार्यान्वयन के लिए मार्ग निर्देश में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी. इस संशोधन के उपरांत डीसी की अध्यक्षता में गठित जिला योजना कार्यकारिणी समिति के द्वारा वार्षिक कार्य योजना की स्वीकृति के पश्चात योजनाओं के क्रियान्वयन कराया जा सकेगा तथा आगामी जिला योजना समिति की बैठक में कार्यकारिणी समिति द्वारा स्वीकृत योजनाओं की सूची जिला योजना समिति के समक्ष सूचनार्थ प्रस्तुत की जायेगी.
इससे पहले यह प्रावधान था कि डीसी द्वारा तैयार की गयी जिला की वार्षिक योजना में जिला योजना समिति का अनुमोदन प्राप्त कर जिला योजना अनाबद्ध निधि से योजनाओं का क्रियान्वयन कराया जा सकेगा.
भारत के संविधान के अनुच्छेद 243-I सहपठित अनुच्छेद 243-Y तथा झारखंड पंचायती राज अधिनियम 2001 की धारा (1) के तहत चौथे राज्य वित्त आयोग के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी.
राष्ट्रीय मेला होने पर पूरे देश की होगी सहभागिता
रांची. राज्य सरकार श्रावणी मेला देवघर को राष्ट्रीय मेला घोषित करने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजेगी. राष्ट्रीय मेला घोषित होते ही इसका स्वरूप और भी व्यापक हो जायेगा. इसमें पूरे देश की सहभागिता दिखने लगेगी. इसकी जिम्मेवारी केंद्र भी उठायेगा.
केंद्र से मिलेगी आर्थिक मदद : राज्य के आला अफसरों का कहना है कि अभी तक मेला के आयोजन की सारी तैयारियां राज्य सरकार करती है. श्रद्धालुअों की सुविधा, मंदिर की सुरक्षा से लेकर सड़क, बिजली, पानी, चिकित्सा की सारी तैयारियां राज्य सरकार करती है. राष्ट्रीय मेला घोषित होने पर इसमें भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय की सहभागिता बढ़ेगी और यहां आधारभूत संरचना तैयार करने सहित अन्य कार्यों के लिए केंद्र सरकार आर्थिक मदद करेगी.

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