देवघर : मनरेगा की योजनाओं में तेजी लाने के लिए अब मनरेगा में पांच लाख तक की योजनाओं की स्वीकृति का अधिकार पंचायत को मिल गया है. मनरेगा आयुक्त ने 22 फरवरी को सभी डीसी व डीडीसी को यह आदेश जारी कर दिया है.
मनरेगा आयुक्त के अनुसार मनरेगा में रोजगार की मांग के 15 दिन के अंदर रोजगार उपलब्ध कराने का उद्देश्य पूरा करने व बेरोजगारी भत्ता की नौबत न आये, इसलिए राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि पांच लाख रुपये तक की योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति ग्राम पंचायत स्तर पर पंचायत कार्यकारिणी समिति द्वारा दी जायेगी.
इसमें वार्षिक कार्य योजना में शामिल योजनाओं के प्राथमिकता के आधार पर स्वीकृति दी जायेगी. सक्षम स्तर से तकनीकी स्वीकृति व अन्य रूप से संतुष्ट होने के बाद ही प्रशासनिक स्वीकृति दी जायेगी. पंचायत से स्वीकृत योजनाओं का अनुमोदन पंचायत समिति की बैठक में कराना होगा. पंचायतस्तर पर श्रम-सामग्री का अनुपात 60:40 का अनुपालन करना अनिवार्य है.
विशेष कारणों से किसी ग्राम पंचायत में उक्त अनुपात का संधारण नहीं होने की स्थिति में डीडीसी की अनुमति से सामग्री आधारित कार्य किया जा सकेगा, लेकिन जिलास्तर पर 60:40 अनुपात का पालन करना है. जिन पंचायतों में ग्राम पंचायत कार्यकारिणी द्वारा लिखित रूप से प्रशासनिक स्वीकृति के लिए अनुरोध बीडीओ से नहीं किया जाता है तो उस परिस्थिति में पूर्ववत यह स्वीकृति 15 दिसंबर 2015 के पत्रांक के आलोक में दी जायेगी. मनरेगा आयुक्त ने इस आदेश को सभी बीडीओ व मुखिया से अवगत कराया जायेगा.