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देवघर : जिले में सवा सौ करोड़ रुपये का नहीं हो सका बैंक ट्रांजेक्शन

बैंकों के विलय के खिलाफ राष्ट्रव्यापी हड़ताल, बाजार पर असर, हड़ताल से अलग रहा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया देवघर : सरकार की कथित मजदूर विरोधी नीति के खिलाफ 10 ट्रेड यूनियनों की दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल के समर्थन में अॉल इंडिया बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन (एआइबीइए) और बैंक इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीइएफआइ) से जुड़े सार्वजनिक […]

बैंकों के विलय के खिलाफ राष्ट्रव्यापी हड़ताल, बाजार पर असर, हड़ताल से अलग रहा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
देवघर : सरकार की कथित मजदूर विरोधी नीति के खिलाफ 10 ट्रेड यूनियनों की दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल के समर्थन में अॉल इंडिया बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन (एआइबीइए) और बैंक इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीइएफआइ) से जुड़े सार्वजनिक बैंकों के बैंककर्मी मंगलवार को हड़ताल पर रहे. इस दौरान एसबीआइ को छोड़ कर जिले के सभी बैंकों के कर्मी अपनी-अपनी शाखाअों के समक्ष जमा होकर धरना-प्रदर्शन किये.
बैंक सूत्रों से जानकारी के अनुसार, रोज के अनुपात में होने वाले कारोबार में काफी कमी दिखी. बैंकों की हड़ताल के कारण जिले में करीब सवा सौ करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन नहीं हो सका. रोजाना देवघर जिले में तकरीबन 180 से 200 करोड़ रुपये का कारोबार होता है.
ट्रांजेक्शन व क्लीयरिंग का कार्य नहीं होने के कारण पैसों का आदान-प्रदान नहीं हो सका. इधर, आम दिनों के मुकाबले एसबीआई शाखाअों में भी 30-40 फीसदी तक कारोबार प्रभावित रहा. यह सिलसिला बुधवार यानि नौ जनवरी को भी होने वाली हड़ताल के कारण भी जारी रहेगा.
बतातें चलें कि देवघर जिले में विभिन्न बैंकों की 127-133 शाखाएं संचालित होती है, जबकि इनमें से 55-60 शाखाएं एसबीआई की है. जो आज की बंद से अलग थे. मगर पूरे देशभर में हड़ताल का जिले में भी मनोवैज्ञानिक असर दिखाई दिया अौर अपेक्षा से काफी कम कारोबार हुआ.
हड़ताल में ये थे शामिल
बीअोआइ के विमलेंदु शेकर झा, सुबोध रजक, हेमंत झा, एसके वाजपेयी, संतोष मिश्रा, श्रवण कुमार, एनएल बलियासे, पीके दास, पार्थ महतो, अनुप पांडे, रोहित गुप्ता, अनोज झा, सुभाष दूबे, विकास यादव, सुनील कुमार, छोटेलाल किस्कू, मुन्ना पांडेय, मोती लाल मुर्मू, अमरनाथ झा, लोकेश केसरी, आरती कुमारी, मो मुर्शीद आदि हड़ताल में शामिल थे.
बैंक ऑफ इंडिया के समक्ष यूएफबीयू के जिला संयोजक उमेश कुमार ने सरकार की बैंकिंग नीतियों का विरोध जताया है. यह हड़ताल मुख्य रूप से केंद्र सरकार की जनविरोधी आर्थिक नीतियों व मजदूर विरोधी श्रम नीतियों के विरोध में की गयी है. प्रतिगामी बैंकिंग सुधार निजीकरण और विलय की अनैतिक चेष्टा और खराब पड़े ऋणों के प्रति सरकार की उदासीनता को रोकने के लिए बैंक कर्मियों ने विरोध जताते हुए कई मांग रखे हैं.
इनके मांगों में -बैंकों के स्थायी और संवेदनशील कार्य प्रभार में आउटसोर्सिंग का. हम मांग करते हैं बैंकों को पर्याप्त सुदृढ़ करने के लिए बैंक में पर्याप्त बहाली की जाये. हड़ताल को सफल बनाने में मुख्य रूप से बैंक ऑफ इंडिया के बीएस झा, उमेश कुमार, संतोष कुमार मिश्रा, नंदलाल बलियासे, किशोर मिश्रा, संजय कुमार, हेमंत झा आदि शामिल रहे.
हड़ताल में ये सभी यूनियन थे
10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों इंटक, ऐटक, एचएमएस, सीटू, एआइयूटीयूसी, एआईसीसीटीयू, यूटीयूसी, टीयूसीसी, एलपीएफ और सेवा ने राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल हैं.
देवघर : देशव्यापी हड़ताल के समर्थन में ऑल इंडिया बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन बैंक इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के आह्वान पर जोनल ऑफिस के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया. देवघर जोन के उपमहासचिव विजय कुमार मंडल के नेतृत्व में हड़ताल पर बैठे कर्मियों ने केंद्र सरकार की जनविरोधी आर्थिक नीतियों का विरोध किया.
साथ ही निजीकरण का भी विरोध किया. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को सुदृढ़ करने व बैंकों में पर्याप्त लोगों की भर्ती करने की मांग हड़ताल के माध्यम से की है.
इस अवसर पर श्री मंडल के अलावा आशुतोष कुमार, उदय नारायण सिंह, सर्वेश कुमार, प्रीतम कुमार, रजनरेश ठाकुर, नवीन कुमार, विजय कुमार, राजेश हांसदा, भोला प्रसाद, उपेंद्र कु़मार, आदित्य झा आदि दर्जनों बैंक कर्मियों ने अपने-अपने विचार रखे. वहीं सिर्फ इलाहाबाद बैंक में दो करोड़ का कारोबार प्रभावित रहा.

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