37.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

सरकारी नौकरियों में एससी-एसटी आरक्षण पर पुराने फैसले पर गौर करेगी संविधान पीठ

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्गों के लिए पदोन्नति में आरक्षण पर 12 साल पुराने अपने फैसले के खिलाफ अंतरिम आदेश पारित करने से बुधवार को इनकार किया. यह मामला ‘क्रीमी लेयर’ लागू करने से जुड़ा हुआ था. शीर्ष अदालत ने कहा कि इस विषय पर सात न्यायाधीशों […]

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्गों के लिए पदोन्नति में आरक्षण पर 12 साल पुराने अपने फैसले के खिलाफ अंतरिम आदेश पारित करने से बुधवार को इनकार किया. यह मामला ‘क्रीमी लेयर’ लागू करने से जुड़ा हुआ था. शीर्ष अदालत ने कहा कि इस विषय पर सात न्यायाधीशों की पीठ गौर करेगी.

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर एवं न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि वह केवल अंतरिम राहत देने के उद्देश्य से इस मामले में सुनवाई नहीं कर सकती, क्योंकि इसे संविधान पीठ को पहले ही भेजा जा चुका है. पीठ ने कहा, ‘बड़ी पीठ द्वारा इस मामले में सुनवाई के लिए इसे भेजा जा चुका है. एम नागराज मामले में पांच न्यायाधीशों के फैसले पर विचार के लिए सात न्यायाधीशों की पीठ गठित करने की जरूरत है.’

वर्ष 2006 के एम नागराज फैसले में कहा गया था कि सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्गों के लिए पदोन्नति में क्रीमी लेयर की अवधारणा लागू नहीं की जा सकती जैसा कि पहले के दो मामलों 1992 के इंदिरा साहनी और अन्य बनाम भारत संघ तथा 2005 के ईवी चिन्नैया बनाम आंध्र प्रदेश राज्य में फैसले दिये गये थे. ये दोनों फैसले अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में क्रीमी लेयर से जुड़े थे.

केंद्र की ओर से पेश अटाॅर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि इस मामले में सात न्यायाधीशों की संविधान पीठ द्वारा तत्काल विचार करने की जरूरत है क्योंकि रेलवे और सेना की लाखों नौकरियां विभिन्न फैसलों को लेकर पैदा भ्रम के कारण अटकी हुई हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें