नयी दिल्ली : सरकार का मानना है कि महिलाओं को संसद और विधानसभाओं में एक तिहाई आरक्षण देने के लिए विधेयक लाने से पहले सभी राजनीतिक दलों के बीच सहमति के आधार पर सावधानीपूर्वक विचार विमर्श करने की जरूरत है. विधि और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि लिंग आधारित न्याय सरकार की एक महत्वपूर्ण प्रतिबद्धता है. लेकिन महिला आरक्षण के मुद्दे पर संविधान में संशोधन करने के लिए संसद के समक्ष विधेयक लाने से पूर्व सभी राजनीतिक दलों के बीच सहमति के आधार पर सावधानीपूर्वक विचार विमर्श करने की जरूरत है.
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