कोलकाता : पश्चिम बंगाल को औद्योगीकरण की तुलना में राजनीति से अधिक जोड़ा जाता है, लेकिन वर्ष 2018 इसके उलट रहा. अंबानी बंधु, अडाणी, मित्तल और गोयनका जैसे दिग्गज उद्योगपतियों ने बड़े पैमाने पर निवेश और उससे रोजगार सृजित करने की घोषणा की. वहीं राज्य कारोबार सुगमता रैंकिंग में लंबी छलांग लगाते हुए पहली बार शीर्ष 10 में जगह बनाने में कामयाब रहा.
जनवरी में आयोजित बंगाल वैश्विक व्यापार शिखर सम्मेलन में कंपनियों ने कुल मिलाकर 2.2 लाख करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव किया. हालांकि, यह अभी साफ नहीं है कि इसमें कितना निवेश वास्तव में अब तक हुआ है. पर, राज्य का व्यापार अनुकूल छवि बनाने की दिशा में प्रयास काफी हद तक सफल दिखा और उद्योगपतियों के साथ-साथ अर्थशास्त्रियों से अच्छा समर्थन मिल रहा है.
पश्चिम बंगाल सरकार की 2018-19 की आर्थिक समीक्षा के अनुसार, राज्य जीडीपी की वृद्धि दर 2015-16 में 5.8 प्रतिशत रही जो 2017-18 में बढ़कर 11.4 प्रतिशत पर आ गयी. ऐसा कहा जाता है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी निवेश आकर्षित करने तथा रोजगार सृजित करने के इरादे से गंभीर प्रयास कर रही हैं. उनका यह प्रयास पश्चिम बंगाल की कारोबार सुगमता में रैंकिंग में सुधार के रूप में दिखता है.
राष्ट्रीय स्तर पर तैयार रैंकिंग में पश्चिम बंगाल 10वें स्थान पर रहा. वहीं ‘सुधार’ के मामले में यह तीसरे स्थान पर रहा. बंगाल वैश्विक व्यापार शिखर सम्मेलन के अंत में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि राज्य ने 2.20 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त किये हैं. इसमें 20 लाख रोजगार सृजित होंगे.
निवेश की प्रतिबद्धता जताने वालों में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी शामिल हैं. उन्होंने उस समय कहा था कि राज्य ने उद्योग का स्वागत करने के लिए अपने रुख में बदलाव किया है, यह चमत्कार से कम नहीं है. बनर्जी ने कहा कि जो निवेश के प्रस्ताव किये गये, उसमें से 50 प्रतिशत पर काम जारी है.
उन्होंने कहा कि बंगाल निवेश का नया गंतव्य है और इसका कारण राजनीतिक स्थिरता, उद्योग अनुकूल माहौल तथा रणनीतिक स्थिति है. सम्मेलन में निवेश की घोषणा करने वालों में अडाणी समूह, जेएसडब्ल्यू समूह, एडवेंट्स ग्रुप तथा आरपी-संजीव गोयनका समूह शामिल हैं. ई-वाणिज्य कारोबार में तेजी का असर राज्य पर भी पड़ा.
फ्लिपकार्ट की अनुषंगी इंस्टाकार्ट सर्विसेज कोलकाता से 55 किलोमीटर दूर हरीनघाट में लॉजिस्टिक पार्क में 991 करोड़ रुपये निवेश करेगी. इससे 18,000 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा. राज्य को बांकुरा जिले में देवचा-पचामी कोयला ब्लॉक में खोज लाइसेंस मिलने से भी बल मिला. इसमें 2.1 करोड़ टन भंडारण होने का अनुमान है.
राज्य के आर्थिक क्षेत्र में किये गये कार्यों को वरिष्ठ अर्थशास्त्रियों ने भी सराहा. आरबीआइ के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन और आइएमएफ की अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने देश की आर्थिक रणनीति के मामले में पश्चिम बंगाल का जिक्र कर राज्य की प्रशंसा की.
हालांकि, राज्य को जलवायु परिवर्तन के जोखिम को लेकर कुछ तबकों से चेतावनी भी मिली है. नयी दिल्ली की शोध इकाई क्लाइमेट ट्रेंड्स ने प्राकृतिक आपदा से अधिक जोखिम वाले राज्यों की सूची में पश्चिम बंगाल को भी रखा है.