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भीषण गर्मी में दक्षिण कोलकाता में जलसंकट

शिव कुमार राउत , कोलकाता : गर्मी आते ही दक्षिण कोलकाता के बोरो-10 में जलसंकट गहराने लगता है. बोरो के कई ऐसे वार्ड हैं, जहां यह समस्या गंभीर हो गयी है. हालत यह है कि गर्मी में लोगों को नहाने व कपड़ा धोने के लिए तालाबों पर निर्भर रहना पड़ता है. जलापूर्ति के लिए यहां […]

शिव कुमार राउत , कोलकाता : गर्मी आते ही दक्षिण कोलकाता के बोरो-10 में जलसंकट गहराने लगता है. बोरो के कई ऐसे वार्ड हैं, जहां यह समस्या गंभीर हो गयी है. हालत यह है कि गर्मी में लोगों को नहाने व कपड़ा धोने के लिए तालाबों पर निर्भर रहना पड़ता है. जलापूर्ति के लिए यहां के लोग भू- गर्भ के जल पर निर्भर है.

इन इलाकों में सबसे अधिक समस्या
बोरो 10 के 99 नंबर वार्ड में पानी की सबसे अधिक समस्या है. इल वार्ड के रामगढ़, रायपुर, जोड़ाबागान, मियां बागान, विद्यासागर कॉलोनी, बाघाजतिन समेत कई इलाकों के लोग पेयजल के लिए तरस रहे हैं. वार्ड में करीब आठ पंपिंग स्टेशन हैं, जबकि बिग-डायर-ट्यूबवेल द्वारा जलापूर्ति की जाती है.
भूमिगत जल को कोलकाता नगर निगम द्वारा आपूर्तित पानी के साथ मिला कर जलापूर्ति की जाती है, क्योंकि केवल भू-गर्भ के पानी से वार्ड में जलापूर्ति नहीं हो सकती है. वहीं गर्मी के दौरान जलस्तर कम हो जाने से निगम के विभिन्न नलका में पानी का दबाव इतना कम हो जाता है कि इन नलों से पानी रिसता हुआ दिखता है. ज्ञात हो कि 99 नंबर वार्ड में करीब तीन हजार मतदाता हैं.
अब तालाब के भरोसे स्थानीय लोग
99 नंबर वार्ड में करीब 22 तालाब हैं. जबकि इनमें सात से आठ तालाब बेहतर स्थिति में हैं. इन तालाबों को स्थानीय लोग स्नान करने व कपड़े धोने के लिए इस्तेमाल में लाते हैं. वार्ड के रायपुर की रहने वाली वृद्धा मीरा नाग ने बताया कि गर्मी के दिनों में पानी की इतनी किल्लत हो जाती है कि उन्हें कपड़े धोने के लिए इलाके में स्थित तालाब जाना पड़ता है. स्थानीय निवासी डीएन मुखर्जी ने कहा कि उन्हें हर महीने करीब तीन हजार रुपये का पेयजल खरीदना पड़ता है.
यहां पेयजल की कमी
जानकारी के अनुसार बोरो 10 के हर वार्ड में जलसंकट है. 81, 89, 91, 92,93,94,95,96,97,98,99,100 वार्ड पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं.
क्या कहना है स्थानीय पार्षद का
99 नंबर वार्ड के पार्षद देवाशीष मुखर्जी ने बताया कि भू-गर्भ का जलस्तर गिरता जा रहा है. इस परिस्थित मेें बिग डायर डीप ट्यूबवेल खराब पड़ा हुआ हैं. नया ट्यूूबवेल लगाने के लिए कोलकाता नगर निगम कार्य कर रहा है. ट्यूबवेल से जलसंकट दूर नहीं होगा. इलाके में वाटर रिजर्वर तैयार किया जाना चाहिए. इसके लिए निगम को प्रस्ताव भी दिया है.
कोलकाता के किसी इलाके में जलसंकट नहीं
कोलकाता के किसी इलाके में जलसंकट नहीं है. जहां तक बोरो 10 की बात है ,तो थोड़ी बहुत समस्या है, जिसका समाधान कर दिया जायेगा. महानगर की आबादी 45 लाख है. कोलकाता में प्रति व्यक्ति डेढ़ सौ लीटर पानी की जरूरत है.वहीं महानगर में प्रतिदिन चार सौ मिलियन गैलन पानी की रोजाना सप्लाई की जाती है. वहीं महानगर में निगम का 14000 नलका है, जबकि नौ हजार हैंड ट्यूबवेल है. जबकि प्रतिदिन 20 मिलियन गैलन भू- गर्भ का पानी इस्तेमाल किया जाता है.
बीके माइती, डीजी, जलापूर्ति, कोलकाता नगर निगम.
भू-गर्भ का पानी अब पीने योग्य नहीं
भू-गर्भ का जलस्तर समुद्र तल से 10-15 फीट नीचे चला गया है. जिसके कारण ग्राउंड वाटर में आयरन की मात्रा बढ़ रही है. कोलकाता में टाली नाला के स्थित आसपास के इलाकों आयरन की मात्रा अधिक है. एक लीटर पानी में 0.32 मिलीग्राम आयरन की मात्रा पायी जाती है, लेकिन अब एक लीटर पानी में 17 से 25 मिलीग्राम आयरन पाया जा रहा है. जो बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं.
-डॉ पीके सिकदर, कार्यवाहक रजिस्ट्रार, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल वेलफेयर एंड बिजनेस मैनेजमेंट.

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