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कोलकाता : रेलवे में कोयला चोरी पर लगाम लगाने की कवायद

कोलकाता : रेलवे के रिकॉर्ड के अनुसार इस वर्ष 2018 में देशभर में माल गाड़ियों से 6 लाख की कोयले की चोरी का माला दर्ज कराया गया. लेकिन रेलवे सुरक्षा बल द्वारा 16 लाख रुपये से ज्यादा का चोरी हुआ कोयला बरामद किया. जबकि 540 लोग कोयला चोरी करने के आरोप में पकड़े गए. इससे […]

कोलकाता : रेलवे के रिकॉर्ड के अनुसार इस वर्ष 2018 में देशभर में माल गाड़ियों से 6 लाख की कोयले की चोरी का माला दर्ज कराया गया. लेकिन रेलवे सुरक्षा बल द्वारा 16 लाख रुपये से ज्यादा का चोरी हुआ कोयला बरामद किया. जबकि 540 लोग कोयला चोरी करने के आरोप में पकड़े गए. इससे पता चलता है कि देश हो रही कोयला चोरी की घटनाओं के सही मामले दर्ज नहीं हो रहे हैं.

उक्त मामला सामने आने के बाद रेलमंत्री सह कोयला मंत्री पीयूष गोयल के रेलवे के साथ कोल इंडिया के अधिकारियों को संयुक्त बैठक कर मामले का समाधान निकालने का आदेश दिया. उक्त आदेश के बाद रेल और कोल इंडिया के अधिकारियों ने सोमवार को पूर्व रेलवे मुख्यालय में बैठक हुई.

ॉरेलवे सुरक्षा बल, रेल मंत्रालय के महानिदेशक अरूण कुमार के नेतृत्व में सोमवार को बैठक हुई. बैठक में रेलवे के पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक हरींद्र राव व रेलवे सुरक्षा बल (पूर्व रेलवे) के आइजी-सह-प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त डॉ रजिंदर मल्लिक मुख्य रूप से उपस्थित रहे. इसके साथ दक्षिण पूर्व रेलवे, पूर्व रेलवे, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे-विलासपुर, पूर्व मध्य रेलवे-हाजीपुर और ईस्ट कोस्ट रेलवे भुवनेश्वर जोन के रेलवे सुरक्षा बल के आईजी के साथ कोल इंडिया, सेल, एनटीपीसी और डीवीसी के अधिकारी उपस्थित रहे.
कोयला चोरों पर लगाम लगाने के लिए तीन मुद्दों पर हुई चर्चा
कोयला चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए तीन मुद्दों पर चर्चा हुई. पहला मालगाड़ी के इंजन में सीसीटीवी कैमरा लगाकर दूसरा कोयला लदी मालगाड़ियों को तिरपाल से ढंक दिया जाए और तीसरा कोयला से भरे गाड़ियों को वजन करने वाली वेव ब्रिज मशिन को तकनीकि रुप से और बेहतर करके. इस दौरान कुछ लोगों का कहना था कि पूर्व रेलवे के में स्थित ज्यादातर वेब मशीनें खराब पड़ी हैं.
वेब ब्रिज मशीनों की देखरेख बेहतर हो. इस दौरान यह भी बात निकल कर आयी की रेलवे साइडिंग यानी की कंपनियों द्वारा खुद के कारखानों में जाने वाली रेल लाइनों में चोरी की घटनाएं होती हैं, जो रेलवे एरिया से बाहर है. इस दौरान सेल और टाटा कंपनियों के प्रतिनिधियों ने रेलवे सुरक्षा बल, रेलवे बोर्ड महानिदेशक अरुण कुमार से मांग की की उनके कारखानों में गयी रेल लाइनों की सुरक्षा भी आरपीएफ के जिम्मे किया जाए. ऐसा करने से कोयला चोरी की घटनाओं को रोकी जा सकती है.
आरपीएफ की शक्तियों में बढ़ोतरी करना होगा
आरपीएफ सीमित साधन में काम कर रहे हैं, दूसरे उसके पास अपराधों से निपटने के लिए कानूनी अधिकार ना के बराबर है. रेलवे में घटी अपराध की घटनाओं के बाद रेलवे सुरक्षा बल द्वारा पकड़े गए अपराधियों को रेलवे राजकीय पुलिस को सौंप देना पड़ता है. जिसके बाद वह आगे की कार्रवाई में असक्ष्म हो जाता है.
उक्त बातें रेलवे सुरक्षा बल, रेलवे बोर्ड महानिदेशक अरुण कुमार ने कहीं. पूर्व रेलवे मुख्यालय बैठक के बाद उन्होंने बताया कि सही अर्थों में रेलवे में अपराध में तभी लगाम लगेगा जिस दिन अपराधियों से लड़ने के लिए रेलवे सुरक्षा बल को कानूनी रुप से मजबूत कर दिया जाएगा.रेलवे सुरक्षा बल को तकनीकि रुप से उन्नत किया जा रहा है. रेलवे सुरक्षा बल कि शक्तियों में बड़ा को लेकर कार्य प्रगति में है.

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