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जन्म लेने से पहले ही हो गया बच्चे का सौदा

सिलीगुड़ी. बाल तस्करी का एक और मामला सामने आने से प्रशासन में खलबली मच गयी है. यह मामला काफी रोचक है. इसमें एक मां- बाप ने जन्म लेने के पहले ही अपने बच्चे का सौदा कर दिया था. इस मामले में एक आशाकर्मी व सिलीगुड़ी जिला अदालत के एक लॉ क्लर्क का नाम सामने आ […]

सिलीगुड़ी. बाल तस्करी का एक और मामला सामने आने से प्रशासन में खलबली मच गयी है. यह मामला काफी रोचक है. इसमें एक मां- बाप ने जन्म लेने के पहले ही अपने बच्चे का सौदा कर दिया था. इस मामले में एक आशाकर्मी व सिलीगुड़ी जिला अदालत के एक लॉ क्लर्क का नाम सामने आ रहा है. जिला चाइल्ड लाइन इन दोनों को ढूंढ रही है. समाजसेवी सोमनाथ चटर्जी व सिनी के उत्तर बंगाल संयोजक शेखर साहा ने बच्ची के मां-बाप व गोद लेनेवाले दंपती को कानूनी सलाह दे रहे हैं. पता चला है कि गोद लेने की वैध प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ है. इसको लेकर बच्ची को गोद लेनेवाले दंपती और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ बाल तस्करी का मामला दर्ज कराने की तैयारी की जा रही है.

मिली जानकारी के मुताबिक जलपाईगुड़ी जिला अंतर्गत सिलीगुड़ी शहर के निकट जलेश्वरी निवासी तारा राय पेशे से दैनिक मजदूरी करती है. पति भी मजदूरी ही करता है. दोनों की तीन संतान पहले से हैं. परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने से इन तीनों का ही भरण-पोषण ठीक से नहीं हो पा रहा है. फिर भी तारा ने चौथी बार गर्भ धारण कर लिया. चौथी संतान के जन्म के बाद परिवार की स्थिति व उसके भरण पोषण की बात सोच कर तारा ने बच्चा गिराने का फैसला कर लिया. लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी.

तारा को गर्भ धारण किये हुए छह महीने से अधिक के समय बीत चुके थे. इसके बाद एक आशाकर्मी ने तारा को उसका बच्चा किसी नि:संतान दंपती को देने की सलाह दी. उसी आशाकर्मी की वजह से बच्चा गोद लेने के लिए एक नि:संतान दंपती भी सामने आया. तब इस दंपती ने तारा को साढ़े तीन हजार रुपये भी दिये. बीते 10 दिसंबर को तारा ने सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में एक बच्ची को जन्म दिया. तब गोद लेने वाले दंपती भी अस्पताल में मौजूद थे. जैसे ही इसकी जानकारी मिली समाजसेवी सोमनाथ चटर्जी व सिनी के शेखर साहा को मिली दोनों ने इस मामले में हस्तक्षेप किया. दोनों परिवार को बच्चा गोद लेने व देने की कानूनी प्रक्रिया बतायी गयी. इस कानून का उल्लंघन कर बच्चा गोद लेने पर मिलने वाले दंड से भी वाकिफ कराया गया. तारा उस दंपती को अब साढ़े तीन हज़ार रुपये भी वापस करने को तैयार है.

लेकिन दंपती अब भी बच्चा लेने के हठ में है. सोमनाथ चटर्जी के अनुसार एक लॉ क्लर्क ने 20 रुपये के स्टाम्प पेपर पर बच्चा देने का एक करारनामा तैयार किया है, जिस पर तारा के दस्तखत भी हैं. सिनी के शेखर साहा व समाज सेवी सोमनाथ चटर्जी ने बताया कि कानूनी प्रक्रिया के अलावा बच्चा गोद लेने की अन्य कोई भी प्रक्रिया वैध नही मानी जाती है. यदि वह दंपती ने बच्चा गोद लेने की हठ को नहीं छोड़ा तो उनके खिलाफ बाल तस्करी का मामला दर्ज कराया जायेगा. इस मामले में आशाकर्मी व लॉ क्लर्क भी आरोपी माने जाएंगे.

यहां उल्लेखनीय है कि इसी वर्ष की शुरुआत में जलपाईगुड़ी के सरकारी होम से बच्चा तस्करी का मामला सामने आया था. इस मामले में होम प्रबंधन से ले कर प्रशासनिक व राजनीतिक नेताओं की गिरफ्तारी भी हुई थी. यह मामला अभी भी अदालत में विचाराधीन है.

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