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पर्यटक छोड़ दें पहाड़, गोजमुमो ने दी चेतावनी, कहा- और बिगड़ेंगे हालात
अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर गोरखा जनमुक्ति मोरचा ने दबाव बनाने के िलए सोमवार से सरकारी दफ्तरों व बैंकों में बंद का एलान किया है. उधर, राज्य सरकार ने मोरचा के इस बंद को नाकाम करने की पूरी तैयारी कर ली है. सरकारी कर्मचारियों की उपस्थिति को अनिवार्य बना दिया गया है. सिलीगुड़ी […]
अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर गोरखा जनमुक्ति मोरचा ने दबाव बनाने के िलए सोमवार से सरकारी दफ्तरों व बैंकों में बंद का एलान किया है. उधर, राज्य सरकार ने मोरचा के इस बंद को नाकाम करने की पूरी तैयारी कर ली है. सरकारी कर्मचारियों की उपस्थिति को अनिवार्य बना दिया गया है.
सिलीगुड़ी : अलग राज्य गोरखालैंड नहीं मिलने तक लगातार आंदोलन का एलान गोरखा जन मुक्ति मोरचा (गोजमुमो) ने कर दिया है. सोमवार से राज्य व केंद्र सरकार के सभी कार्यालयों को बंद कराये जाने की घोषणा की गयी है. इसी क्रम में पर्यटकों को पहाड़ छोड़ने की सलाह दी गयी है.
गोजमुमो की ओर से कहा गया है कि पर्यटक पहाड़ छोड़ कर समतल में उतर जायें, क्योंकि आगामी दिनों में आंदोलन की वजह से हालात और बिगड़ने वाले हैं. गोजमुमो की इस चेतावनी से अंदाजा लगाया जा रहा है कि गोरखालैंड आंदोलन का पूरा रोडमैप तैयार हो चुका है. दूसरी तरफ पहाड़ पर पर्यटकों की परेशानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. उन्हें नकदी के लिए भटकना पड़ रहा है. पहाड़ के अधिकतर एटीएम में रुपये खत्म हो चुके हैं.
गत 8जून को हुई हिंसा के बाद जो पर्यटक पहाड़ छोड़ना चाहते थे, उन्हें एनबीएसटीसी की बसों का उपयोग कर राज्य सरकार ने समतल तक सुरक्षित पहुंचा दिया है. लेकिन अब भी बड़ी संख्या में पर्यटक दार्जीलिंग पर्वतीय क्षेत्र में मौजूद हैं. ऐसे पर्यटकों को गोजमुमो ने नीचे चले जाने की सलाह दी है. पहाड़ की मौजूदा हालात की वजह से पर्यटन व्यवसाय को काफी नुकसान होगा. ईस्टर्न हिमालया ट्रेवल्स एंड टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन के सम्राट सान्याल ने बताया कि इस सीजन में रिकॉर्ड तोड़ पर्यटक पहाड़ पर आये. ग्रीष्मावकाश का सीजन चल रहा है, जबकि पूजा का सीजन अभी बाकी है.
तृणमूल के लोग पार्टी छोड़ मोरचा में आ रहे
बंगाल सरकार ने पार की सारी हदें
विरोध में आज से सरकारी कार्यालय बंद
दार्जीलिंग. गोजमुमो प्रमुख विमल गुरुंग ने कहा है कि अब गोरखालैंड का आंदोलन रुकने वाला नहीं है. रविवार को पातलेबास स्थित मोरचा कार्यालय में तृणमूल कांग्रेस समर्थक 42 परिवार मोरचा में शामिल हुए. गुरुंग ने पार्टी का झंडा थमा कर इन लोगों का गोजमुमो में स्वागत किया.
इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत में गुरुंग ने कहा कि तृणमूल समर्थक गोरखा और नेपाली जाति की मुक्ति के लिए और गोरखालैंड गठन की मांग को लेकर तृणमूल छोड़ मोरचा में शामिल हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि रविवार को सुवास ग्राम, खालिंग धुरा आदि क्षेत्रों में भी तृणमूल के लोग मोरचा में शामिल हुए हैं. गुरुंग ने कहा कि बंगाल सरकार हद पार करते हुए नेपाली भाषा का अतिक्रमण कर रही है.
एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि बंगाल सरकार जीटीए कार्यालय को सील करके सभी सीमाओं के पार चली गयी है. इसके विरोध में सोमवार से सभी सरकारी कार्यालयों में बंद की घोषणा की गयी है. उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों को जेल भेजा जा सकता है. पुलिस लाठी और गोली चला सकती है, लेकिन पुलिस प्रशासन जितना दमन करेगा, हमारा आंदोलन उतना ही तेज होगा. जीटीए के विशेष ऑडिट के बारे में पूछे जाने पर श्री गुरुंग ने कहा कि वह इसका स्वागत करते हैं.पहाड़ की नगरपालिकाओं के भी विशेष ऑडिट की बात हो रही है, उसका भी स्वागत है.
पहाड़ पर हिंसा के आरोप में पांच गिरफ्तार
दार्जीलिंग. गत 8 जून को पहाड़ पर हुई हिंसा, आगजनी के आरोप में गोरखा जन मुक्ति मोरचा (गोजमुमो) के पांच समर्थकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तार लोगों में संजीव तामांग (रंगली डिवीजन), भुवन गिरि (सिंगमारी माउंट वैली), संतोष थापा (मंगपू), रवींद्र प्रधान (शंकर ग्राम, दार्जीलिंग), धनमाया तामांग (रॉकहुड, दार्जीलिंग) शामिल हैं. इन लोगों पर सरकारी संपत्ति नष्ट करने, पुलिस पर हमला करने और आगजनी करने का मामला दर्ज किया गया है.
कर्मचारियों की हाजिरी को अनिवार्य किया
कोलकाता : दार्जीलिंग पहाड़ी क्षेत्र में राज्य सरकार और गोरखा जनमुक्ति मोरचा (गोजमुमो) में टकराव की नौबत नजर आ रही है. जहां गोजमुमो ने सोमवार से पहाड़ के सभी सरकारी कार्यालयों में बेमियादी बंद का एलान किया है, वहीं राज्य सरकार ने बंद को नाकाम करने के िलए कमर कस ली है.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गोजमुमो के बंद को असंवैधानिक व अवैध बताया है. राज्य सरकार ने बंद को गैरकानूनी बताते हुए पहाड़ स्थित सभी सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों की हाजिरी को अनिवार्य कर दिया है. सरकारी सहायता प्राप्त संस्थाआें में भी उपस्थिति आवश्यक होगी. गोरखा टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (जीटीए) के कर्मचारियों के लिए भी उनकी हाजिरी अनिवार्य की गयी है है. इस संबंध में राज्य सचिवालय ‘नवान्न’ ने निर्देश जारी किये गये हैं. इसमें साफ कहा गया है कि गैरहाजिरी को सर्विस ब्रेक माना जायेगा. वेतन कटेगा. अब गोजमुमो के आंदोलन और राज्य सरकार के फरमान से कर्मचारी भारी दुविधा में हैं.
उनके लिए एक तरफ कुआं तो दूसरी तरफ खाई वाली स्थिति है. दफ्तर पहुंचने पर गोजमुमो के आंदोलनकारियों का कोपभाजन होने का खतरा और न पहुंचने पर सरकार के. सरकारी फरमान के मुताबिक, गोजमुमो के अनिश्चितकालीन सरकारी कार्यालय बंद के दौरान किसी भी कार्यालय के अधिकारी व कर्मचारी को छुट्टी नहीं मिलेगी. सोमवार के बाद जब तक गोजमुमो हड़ताल वापस नहीं लेती, तब तक एक दिन की अनुपस्थिति भी सर्विस ब्रेक मानी जायेगी.
जिनकी छुट्टी से पहले से मंजूर है, उनकी छुट्टी रहेगी. लेकिन कोई अन्य छुट्टी नहीं ले सकेगा. हड़ताल की अवधि में चाइल्ड केयर लीव, मेटरनिटी लीव या मेडिकल लीव सत्यापन करने के बाद ही स्वीकार्य होगी. गौरतलब है कि गोजमुमो ने सोमवार से पहाड़ पर अनिश्चितकालीन सरकारी दफ्तर व बैंक बंद का आह्वान किया है. बंद से स्कूल व परिवहन परिसेवा को बाहर रखा गया है. बैंक भी सोमवार आैर गुरुवार को खुले रहेंगे.
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