कोलकाता : राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को कहा है कि महानगर में हुए दुर्गापूजा कार्निवल में उन्होंने अपमानित महसूस किया. उन्होंने यह भी कहा कि बावजूद इसके कोई भी चीज उनके संवैधानिक कर्तव्यों को निभाने में आड़े नहीं आ सकती. गौरतलब है कि 11 अक्तूबर को रेड रोड पर हुए कार्निवल में मूल मंच के करीब एक अन्य मंच बनाया गया था.
उसी दूसरे मंच पर राज्यपाल के बैठने की व्यवस्था की गयी थी. राज्यपाल ने कहा कि कार्निवल में उन्होंने अपमानित महसूस किया. वह बहुत दुखी और व्यथित हैं. यह उनका नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल की संस्कृति और बंगाल के लोगों का अपमान है. वह इस अपमान को पचा नहीं पायेंगे.
एक कार्यक्रम से इतर राज्यपाल ने कहा कि चार घंटे तक उनके साथ जो हुआ, वह गलत हुआ. चार घंटे तक मानों उनका ब्लैकआउट कर दिया गया. वह अब तक चुप थे और आशा कर रहे थे कि इस संबंध में मीडिया से आवाज आयेगी. लेकिन क्या हम आपातकाल की स्थिति में हैं? राज्यपाल को कार्निवल देखने के लिए अपनी सीट कई बार बदलनी पड़ी थी. राज्यपाल ने कहा कि जिन्होंने यह व्यवस्था की थी, उन्हें इस संबंध में आत्ममंथन करना चाहिए. क्या ऐसा रुख संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के साथ अख्तियार किया जा सकता है?
उन्होंने कहा कि उनके संवैधानिक कर्तव्यों की राह में कुछ भी रोड़ा नहीं बन सकता. वह पश्चिम बंगाल के लोगों के सेवक हैं. गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों से राज्य सरकार हर साल रेड रोड दुर्गापूजा कार्निवल का आयोजन करती है. इसमें शहर की प्रमुख पूजा समितियों की ओर से एक ही जगह पर लोगों के दर्शन के लिए मां दुर्गा की प्रतिमाएं लाते हैं. इस साल भी कार्निवल में विसर्जन से पहले 80 से ज्यादा मां दुर्गा की प्रतिमाएं लायी गयी थीं.
कार्यक्रम में राज्यपाल, मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के सदस्य, विभिन्न वाणिज्य दूतावासों के सदस्य तथा अन्य गणमान्य लोग व पर्यटक मौजूद थे. मूल मंच पर मुख्यमंत्री के अलावा सरकारी अधिकारी व अन्य कलाकार बैठे थे.