कोलकाता : प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष जयप्रकाश मजूमदार ने आशंका जाहिर की कि लोकसभा चुनाव के बाद राज्य की राजनीतिक परिस्थिति ऐसी बनी है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 2021 के पहले राज्य में विधानसभा चुनाव कराने का प्रस्ताव दे सकती हैं.
भाजपा इस संभावना को ध्यान में रखकर विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. श्री मजूमदार ने प्रभात खबर से बातचीत करते हुए कहा कि तृणमूल कांग्रेस के विधायक और नेता जिस तरह से पार्टी को छोड़ कर भाजपा में शामिल हो रहे हैं, उससे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लगने लगा है कि यदि दो साल के बाद विधानसभा चुनाव कराये जायेंगे, तो पार्टी में कोई नेता रह ही नहीं जायेगा.
तृणमूल कांग्रेस का अस्तित्व ही समाप्त हो जायेगा. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद ममता बनर्जी कभी माकपा से तो कभी कांग्रेस के साथ गठबंधन करने की कोशिश कर रही हैं. इससे साफ हो गया है कि वह भाजपा से आतंकित हैं. उनका आत्मविश्वास पूरी तरह से टूट गया है.
यही कारण ही उन्होंने भाजपा से मुकाबला के लिए बिहार से एक राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर को उन्हें सलाह देने के लिए नियुक्त किया है, ताकि उनकी डूबती नैया को पार वे लगा सकें, लेकिन राज्य की जनता ने तय कर लिया है. अगले विधानसभा चुनाव में राज्य से तृणमूल कांग्रेस का सफाया तय है.
श्री मजूमदार ने कहा कि 1991 में भी ज्योति बसु ने विधासनभा चुनाव एक वर्ष पहले करवा लिया था, क्योंकि उनको लगा था कि जिस तरह से कांग्रेस का प्रभाव बढ़ रहा था. उससे वाममोर्चा को खतरा हो सकता था. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी ज्योति बसु के रास्ते ही चलने की कोशिश कर रही हैं.
श्री मजूमदार ने दावा किया कि जितने दिन बीतेंगे कट मनी और तृणमूल सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले लगातार जोर पकड़ते जायेंगे. ममता बनर्जी इनसे बचना चाहती हैं और इसी लिए समय से पहले चुनाव कराना चाहती हैं.