बोकारो : शनिवार देर शाम की बूंदाबांदी रविवार के लिए आफत भरी साबित हुई. रविवार को रवि (सूरज) पूरी सिद्दत के साथ आसमान पर डेरा डाले रहा. सूर्य की तपिश ऐसी कि हवा भी बहाव को समेटे रखा. हवा की गति पेड़ों के पत्तों को भी हिलाने में असक्षम साबित हो रही थी. नतीजा बदन जल रहा था. अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. हालांकि शाम 04 बजे के बाद बादल भी आसमान पर मंडराते दिखे.
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रविवार को ‘रवि’ ने खूब जलाया बदन
बोकारो : शनिवार देर शाम की बूंदाबांदी रविवार के लिए आफत भरी साबित हुई. रविवार को रवि (सूरज) पूरी सिद्दत के साथ आसमान पर डेरा डाले रहा. सूर्य की तपिश ऐसी कि हवा भी बहाव को समेटे रखा. हवा की गति पेड़ों के पत्तों को भी हिलाने में असक्षम साबित हो रही थी. नतीजा बदन […]
अहो, इ त भाप निकलऽता… : 08 बजे से ही सूर्य की किरणे असहनीय लग रही थी. दोपहर होते-होते तो गर्मी का प्रभाव चरम पर था. गर्मी एक अंदेशा को भी उत्पन्न कर रही थी. तेज होती धूप के साथ सड़क (कालीकरण सड़क) से भाप निकलने का अहसास हो रहा था. दूर से देखने पर यह सड़क पर जमे पानी की तरह लग रहा था. कई वाहन चालकों को इससे रफ्तार कम करनी पड़ी. खास कर उतार-चढ़ाव वाले स्थानों पर यह नजारा आम था.
गर्मी में बाहर निकलना चुनौती होता है. लेकिन, काम का बोझ, ऑफिस का टेंशन लोगों को बाहर निकलने पर विवश कर देता है. रविवार होने के कारण लोगों को कम से कम इस परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा. दोपहर 12 बजे से करीब 03 बजे तक सड़क पर इक्का-दुक्का वाहन ही दिखे. घर से बाहर निकलने के पहले वाहन चालकों की तैयारी ऐसी थी कि धूप का एक अंश भी शरीर पर नहीं पड़े.
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