21.7 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

यही हाल रहा, तो एक सप्ताह बाद आधी हो जायेगी जलापूर्ति

भागलपुर : अभी ठंड पूरी तरह से आया भी नहीं है और गंगा का जलस्तर घट रहा है. इंटक वेल तक गंगा का पानी आना घट गया है. जलापूर्ति कंपनी पैन इंडिया ने खुद एक सप्ताह से बाद जलापूर्ति घटने की आशंका एजेंसी बुडको के समक्ष जतायी है. एक सप्ताह बाद गंगा से इंटक वेल […]

भागलपुर : अभी ठंड पूरी तरह से आया भी नहीं है और गंगा का जलस्तर घट रहा है. इंटक वेल तक गंगा का पानी आना घट गया है. जलापूर्ति कंपनी पैन इंडिया ने खुद एक सप्ताह से बाद जलापूर्ति घटने की आशंका एजेंसी बुडको के समक्ष जतायी है. एक सप्ताह बाद गंगा से इंटक वेल को जलापूर्ति आधी हो जायेगी. इससे शहरवासियों को बड़ी परेशानी होगी.

जलापूर्ति बाधा से निबटने के लिए नहीं है तैयारी : पिछले वर्ष जनवरी में मजदूर लगाकर चैनल बनाये गये थे. इससे इंटक वेल तक पानी पहुंचाया जा रहा था, जो संतोषप्रद नहीं था. स्थानीय लोगों की मानें, तो इस बार दूसरे सप्ताह में चैनल बनाने के लिए मजदूरों को काम पर लगाना होगा. इसके विपरीत पैन इंडिया की अब तक कोई तैयारी नहीं दिख रही है.

पानी मापने के लिए लगाया स्केल : बुधवार को पानी घटने का निश्चित जानकारी के लिए पैन इंडिया की ओर से स्केल लगाया गया. इससे रोज-रोज कितना पानी घटा, पूरी जानकारी मिल जायेगी. हालांकि अनुमान के अनुसार रोज 10 से 15 एमएम पानी घट रहा है.

दो वर्ष में डेढ़ करोड़ खर्च, पर फायदा जीरो, रोज 10 से 15 एमएम घट रहा पानी, इंटकवेल तक गंगा का पानी आना होगा बंद

वाटर वर्क्स से डेढ़ लाख की आबादी को जलापूर्ति

वाटर वर्क्स से शहर के डेढ़ लाख की आबादी को जलापूर्ति होती है. शहर में बरारी, मायागंज, कटहलबाड़ी, खंजरपुर, मुंदीचक, आदमपुर, मानिक सरकार, दीपनगर, बूढ़ानाथ, नया बाजार, सराय आदि क्षेत्रों में वाटर वर्क्स से जलापूर्ति होती है. जल स्तर घटने से एक सप्ताह बाद वाटर वर्क्स से जलापूर्ति घट कर आधी हो जायेगी.

नहीं हो पायी है पुख्ता व्यवस्था

गंगा में पानी घटने के बाद चैनल बनाने में केवल डेढ़ करोड़ रुपये तक खर्च हो चुका है. इतना खर्च होने के बाद भी स्थायी समाधान नहीं निकल रहा है. यह स्थिति पिछले दो वर्षों से बनी रही है. इस बार तीसरी बार जल स्तर घटने की समस्या दिख रही है.

पहले मध्य धार तक लगी थी इमरजेंसी पाइप

बुजुर्गों की मानें, तो इंटकवेल तक पानी पहुंचाने के लिए मध्य धार तक बड़ी और मोटी पाइप लगी हुई थी. गंगा दूर जाने पर आपातकालीन स्थिति में इससे पानी इंटकवेल तक पहुंचाया जाता था. लोगों का कहना है कि यदि यह व्यवस्था फिर से बना ली जाये, तो हर वर्ष होने वाली समस्या नहीं आयेगी.

बुडको को जल स्तर घटने की जानकारी दे दी गयी है. अब तक कोई दिशा-निर्देश नहीं मिला है. जैसे ही दिशा-निर्देश मिलेगा, गाद निकालने से लेकर सब काम शुरू हो जायेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें