23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जब-जब हो रही जांच, मिल रही नयी गड़बड़ी

दूसरे दिन मरीजों के भोजन की जांच भागलपुर : कमिश्नर कार्यालय से भेजी गयी मजिस्ट्रेट टीम ने जेएलएनएमसीएच में लगातार दूसरे दिन सोमवार को मरीजों के खाना की जांच की. हर रोज नयी-नयी गड़बड़ी मिल रही है. दो भोजन ट्रॉली से मरीजों को हर जगह भोजन बांटा जाता है. इससे मरीजों को समय पर भोजन […]

दूसरे दिन मरीजों के भोजन की जांच

भागलपुर : कमिश्नर कार्यालय से भेजी गयी मजिस्ट्रेट टीम ने जेएलएनएमसीएच में लगातार दूसरे दिन सोमवार को मरीजों के खाना की जांच की. हर रोज नयी-नयी गड़बड़ी मिल रही है. दो भोजन ट्रॉली से मरीजों को हर जगह भोजन बांटा जाता है. इससे मरीजों को समय पर भोजन नहीं मिल पाता. जांच टीम ने मरीजों को खाना लेने में हो रही परेशानी को देखा. मजिस्ट्रेट टीम में सबौर सीअो तरुण केसरी, डीसीएलआर, उपमुख्य निर्वाचन पदाधिकारी भोला राम, उपनिदेशक, खाद्य आदि ने इमरजेंसी वार्ड के मरीजों को खाना बांटने की जांच की. 400-500 मीटर के क्षेत्रफल में फैले अस्पताल के सभी वार्ड के लिए केवल दो भोजन ट्रॉली देखकर जांच टीम ने ट्रॉली बढ़ाने के निर्देश दिये. 27 नवंबर की जांच के बाद खाना बांटने की प्रक्रिया में बदलाव कर पर्ची सिस्टम लागू किया गया. पर्ची सिस्टम लागू होने पर भोजन बांटने में हेरफेर नहीं मिल पाया.
प्रमंडलीय आयुक्त की कोर्ट में जेएलएनएमसीएच में मरीज के भोजन मामले की सुनवाई मंगलवार को होगी. खाद्य व आपूर्ति विभाग के उप निदेशक अमरनाथ साहा के नेतृत्व में चल रही जांच में पिछली सुनवाई में अस्पताल अधीक्षक को भोजन परोसनेवाली एजेंसी को कागजात लाने के अतिरिक्त अन्य सुविधाओं को दुरुस्त करने के लिए कहा था. एजेंसी को अपने अनुभव प्रमाण पत्र की कॉपी देने का निर्देश दिया था.
अलग-अलग जांच में अलग-अलग गड़बड़ी
पहले दिन सड़ा केला, कम दूध व अस्तरीय भोजन देने की गड़बड़ी
दूसरे दिन मरीजों व रजिस्टर में दर्ज संख्या में अंतर की गड़बड़ी
तीसरे दिन महुआ दही-बिना क्रीम वाले दूध का दही देना, चिकेन व केला को बचा लेने की गड़बड़ी
चौथे दिन ट्रॉली का अभाव होने से मरीजों को भोजन लेने में परेशानी
नहीं बदली थी चादर, अधीक्षक ने लगायी फटकार
जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल, मायागंज के अधीक्षक डॉ आरसी मंडल ने सोमवार को विभिन्न वार्डों का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान सर्जरी, मेडिसिन, शिशु रोग विभाग आदि का हाल जाना. हर जगह स्थिति ठीक थी, लेकिन इमरजेंसी में मरीजों के बेड की चादर नहीं बदली गयी थी. उन्होंने संबंधित नर्स को फटकार लगायी. उन्होंने निर्देश दिया कि अब बीएसटी पर मरीजों का मोबाइल नंबर अंकित करना जरूरी है, ताकि किसी तरह की दिक्कत बाद में नहीं हो सके.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें