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अयोध्या विवाद: पक्षकार बोले-नहीं हुआ कोई समझौता

<figure> <img alt="रंजन गोगोई" src="https://c.files.bbci.co.uk/5CC2/production/_109264732_gettyimages-1129867904.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p> बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद से जुड़े तीन ख़ास याचिकाकर्ताओं ने इस बात से इनकार किया है कि सालों से चले आ रहे इस विवाद पर कोई समझौता हो गया है.</p><p>ये तीन पक्षकार हैं, निर्मोही अखाड़ा, सुन्नी सेंट्रल वक़्फ बोर्ड और रामलला विराजमान.</p><p>सुप्रीम कोर्ट ने […]

<figure> <img alt="रंजन गोगोई" src="https://c.files.bbci.co.uk/5CC2/production/_109264732_gettyimages-1129867904.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p> बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद से जुड़े तीन ख़ास याचिकाकर्ताओं ने इस बात से इनकार किया है कि सालों से चले आ रहे इस विवाद पर कोई समझौता हो गया है.</p><p>ये तीन पक्षकार हैं, निर्मोही अखाड़ा, सुन्नी सेंट्रल वक़्फ बोर्ड और रामलला विराजमान.</p><p>सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में मध्यस्थता के लिए एक तीन सदस्यीय समिति बनाई थी. इस समिति ने मामले की सुनवाई के अंतिम दिन अपनी रिपोर्ट अदालत की संवैधानिक पीठ को सौंप दी. </p><p>भारतीय मीडिया के एक हिस्से में इससे जुड़ी ख़बरें दावे के साथ चलाई जा रही हैं. ख़बरों में समिति की रिपोर्ट में कुछ पक्षों के बीच एक समझौते का विवरण है. लेकिन तीनों प्रमुख पक्षकारों का कहना है कि ये दावे सही नहीं हैं. </p><figure> <img alt="अयोध्या" src="https://c.files.bbci.co.uk/7F0D/production/_109252523_361d879c-d0c8-48d7-a7f4-05a8637a451c.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p><strong>निर्मोही अखाड़ा ने क्या कहा</strong><strong>?</strong></p><p>सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या की विवादित भूमि पर मिलकियत का दावा करने वाले दो हिन्दू पक्षों में से एक निर्मोही अखाड़ा ने बीबीसी हिंदी से कहा कि उनके और मुक़दमे में शामिल दूसरे पक्षों की रज़ामंदी के बग़ैर कोई समझौता संभव नहीं है.</p><p>निर्मोही अखाड़ा से जुड़े कार्तिक चोपड़ा कहते हैं कि इस मामले में उनका स्टैंड साफ़ है. </p><p>वो कहते हैं, &quot;हम दूसरे ख़ास हिंदू पक्ष (रामलला विराजमान) को याचिकाकर्ता मानते ही नहीं. हम मुस्लिम पक्ष से सीधे बात करने को तैयार हैं लेकिन केवल अदालत के अंदर और जजों के सामने.&quot; </p><h3>अदालत के बाहर समझौता मुश्किल</h3><p>रामलला विराजमान का समर्थन करने वाली विश्व हिन्दू परिषद का कहना है कि वो मध्यस्थता की कोशिशों में शामिल नहीं हैं. </p><p>परिषद के एक प्रवक्ता ने कहा, &quot;मार्च से लेकर अगस्त तक चली पहली कोशिश से हमें अंदाज़ा हो गया कि इस मामले में अदालत के बाहर समझौता मुश्किल है. हमने अदालत को बता दिया था.&quot;</p><p>वहीं तीसरे प्रमुख पक्षकार सुन्नी सेंट्रल वक़्फ बोर्ड ने भी इस बात से इनकार किया है कि इस मामले में कोई समझौता हुआ है. </p><p>सुन्नी सेंट्रल वक़्फ बोर्ड के इक़बाल अंसारी ने बीबीसी से कहा कि वो मध्यस्थता की कोशिश का स्वागत करते हैं. लेकिन इसे लेकर कोई फ़ैसला कोर्ट में ही होना चाहिए.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-47047689?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">अयोध्या मुद्दे पर बीजेपी आख़िर चाहती क्या है</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-46225677?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">क्या अयोध्या के मुसलमान सचमुच चिंतित हैं</a></li> </ul><h3>कोर्ट ने बनाई थी समिति</h3><p>दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने फ़रवरी, 2019 में तीन सदस्यों वाली एक मध्यस्थता समिति का गठन किया था. इस समिति ने 11 मार्च को अपना काम शुरू किया था. समिति ने 1 अगस्त को अपनी रिपोर्ट पेश की थी. लेकिन समझा जाता है कि मध्यस्थता नाकाम रही. </p><p>इसके बाद कुछ पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट से एक बार फिर से मध्यस्थता शुरू करने की सिफ़ारिश की. अदालत ने कहा कि मध्यस्थता दोबारा शुरू की जा सकती है लेकिन साथ में मुक़दमे की सुनवाई भी जारी रहेगी. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक़ बुधवार को समिति ने मध्यस्थता के दूसरे दौर की कोशिशों पर अपनी रिपोर्ट पेश की है.</p><figure> <img alt="सुप्रीम कोर्ट" src="https://c.files.bbci.co.uk/1696D/production/_109252529_b3e88fb2-88ba-461f-94ef-290fc0f91afa.jpg" height="351" width="624" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>ये अभी साफ़ नहीं है कि सुप्रीम कोर्ट की इस पर राय क्या है. ये बात ज़रूर साफ़ है कि अयोध्या मुक़दमे में शामिल तीन ख़ास पार्टियां इसका हिस्सा होने से इनकार कर रही हैं. </p><p>तीन ख़ास पार्टियों में निर्मोही अखाड़ा 1959 में अदालत गया था. सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड 1961 में और राम लला विराजमान 1989 में. साल 2010 में इलाहबाद हाई कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फ़ैसले में विवाद वाली 2.77 एकड़ ज़मीन को तीनों पार्टियों में बांट दिया था. इसके बाद तीनों पार्टियों ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. </p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong></p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-50035491?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">अयोध्या मामलाः अंतिम चरण में सुनवाई, सात बड़े सवाल</a></p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-46195249?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">अयोध्या का असल इतिहास जानते हैं आप?</a></p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-46338151?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">विश्व हिंदू परिषद पर हावी शिवसेना?: नज़रिया </a></p><p>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप <a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a> कर सकते हैं. आप हमें <a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a>, <a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a>, <a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a> और <a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</p>

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